Sunday, November 24, 2024
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बच्ची से रेप करने वाले को मिली 146 बेंत की सजा, असहनीय दर्द से बीच में ही हो गया बेहोश

दुनिया के देशोें में अपराध करने पर उसके दोषियों को अलग-अलग सजा का प्रावधान है। महिला उत्पीड़न और रेप जैसे गंभीर अपराध की सजा भी हर देश में अलग-अलग है। इंडोनेशिया में एक बच्ची से रेप की सजा सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। जी हां वहां की धार्मिक पुलिस ने रेप के दोषी को बेंत से पीटने की सजा सुनाई है।

इंडोनेशिया में एक 19 साल के शख्स को बच्ची के साथ रेप के आरोप में 146 बेंत की सजा सुनाई गई लेकिन अपनी सजा के दौरान उसकी हालात इतनी बिगड़ गई कि वह मौके पर ही बेहोश होकर गिर गया। रोनी नाम के इस व्यक्ति ने सजा देने वाली धार्मिक पुलिस को रूकने को भी कहा था और उसे कुछ देर के लिए मेडिकल उपचार की व्यवस्था भी कराई गई थी लेकिन इसके बाद एक बार फिर उसे बेंत की सजा मिलने लगी। इस दौरान वह बेहोश हो गया।

आपको बता दें कि इस शख्स को इस साल के शुरुआत में एक बच्ची के साथ यौन शोषण के आरोप में इंडोनेशिया की पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। बता दें कि इंडोनेशिया के आचे में इस्लामिक शरीया कानून लागू किया गया है। ये इंडोनेशिया में अकेला ऐसा क्षेत्र है जहां शरिया कानून लागू है। इस क्षेत्र में 50 लाख लोग रहते हैं जिनमें 98 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। साल 2001 में इंडोनेशिया की सरकार ने इस क्षेत्र को स्वायत्ता दी थी जिसके बाद यहां शरीया कानून लगा दिया गया था।

एक डॉक्टर ने ऑनलाइन बातचीत में कहा कि जब उसे 52 बेंत पड़े थे तब उसके कमर पर काफी फफोले हो गए थे और अगर उसे ऐसे ही मार पड़ती रहती तो उसके ब्लड वेसल्स फट सकते थे जिसके उसके हालात बेहद गंभीर हो सकते थे। बेहतर होगा कि उसकी सजा को टाला जाए और जब ये शख्स ठीक हो जाए तो उसे दोबारा सजा दी जा सकती है।

डॉक्टर का कहना है कि शुरुआत में आरोपी ठीक था लेकिन शायद कुछ डरा हुआ था तभी वो बार-बार अपना हाथ उठाकर कह रहा था कि उसे तकलीफ हो रही है लेकिन आखिर में जब उसके हालात बेहद खराब होने लगे तो हमने देखा कि उसका जख्म भी काफी गहरा हो चुका था। सितंबर के महीने में भी एक बच्चे का बलात्कार करने पर एक शख्स को शरीया कानून के हिसाब से 52 बेंत की सजा मिली थी और वो भी इस सजा को पाने के बाद बेहोश हो गया था। यहां अक्सर छोटे मोटे अपराधों के लिए भी बेंत से ही सजा सुनाई जाती है। मानवाधिकारों से जुड़े संगठन अक्सर इन अमानवीय सजाओं की आलोचना करते हैं लेकिन स्थानीय लोगों का इस कानून को पूरा समर्थन हासिल है।
फोटो क्रेडिट: एएफपी

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