लखनऊ। प्रदेश पुलिस की आपात सेवा यूपी 112 ने घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद के लिए अपनी सेवाओं का दायरा और बढ़ा दिया है। घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं 112 पर कॉल करके अपनी शिकायत कर सकती है। शिकायत के समय महिला का विवरण 112 के सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाएगा ताकि जरूरत के समय त्वरित पुलिस सहायता दी जा सके। अभी रोजाना करीब 1300 विभिन्न प्रकार की हिंसा से प्रभावित महिलाएं 112 को कॉल कर मदद ले रही हैं, जिनमें औसतन 800 मामले घरेलू हिंसा से संबंधित होते हैं।
इससे पहले सवेरा योजना के तहत प्रदेश भर में 7 लाख बुजुर्गों का पंजीकरण किया गया है। पंजीकृत बुजुर्ग 112 को कॉल कर के कई तरह की सहायता ले रहे हैं। मिशन शक्ति शुरू होने के बाद अब घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को पंजीकरण कराने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। प्रदेश में 300 महिला पीआरवी पहले से तैनात है।
महिलाओ की शिकायत सुनने वाली इस पीआरवी पर केवल महिला पुलिसकर्मियों की ही ड्यूटी लगाई जाती है। इन महिला पुलिस कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया। ताकि वह महिलाओं द्वारा शिकायत करने के बाद महिला पीआरवी पीड़िता के घर जाकर विस्तृत जानकारी ले सके। इसमें जीपीएस लोकेशन और समस्या का डिटेल भी दर्ज किया जाएगा। बाद में ऐसी महिलाओं द्वारा 112 को कॉल किए जाने पर अधिक जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शिकायत मिलते ही त्वरित रिस्पॉन्स के लिए निकटतम पीआरवी और महिला पीआरवी को मैसेज भेजा जाएगा, जो परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई करेंगी।
घरेलू हिंसा प्रभावित महिलाएं कैसे ले सकती हैं मदद
- बार-बार हिंसा की शिकार होने वाली महिलाएं 112 पर कॉल करके अपना पंजीकरण कराएं।
- रजिस्ट्रेशन में महिलाओं का नाम व पता आदि दर्ज किया जाता है।
- महिला पीआरवी पीड़िता के घर जाकर उनके अधिकारों के बारे में बताएगी।
- प्रताड़ना करने वालों को पुलिस सचेत करेगी।
- इसके बाद भी यदि महिला को प्रताड़ित किया जाता है तो आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी