नोएडा। साम्प्रदायिक दंगा भड़काने के आरोपी मथुरा की जेल में बंद पीएफआई एजेंट को लेकर नोएडा एसटीएफ की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। हाथरस कांड के दौरान सांप्रदायिक दंगा भड़काने के लिए बहराइच के रहने वाले मसूद अहमद ने फंड जुटाया था। यूपी की सीमा पर स्थित अंतिम जिला बहराइच पापुलर फ्रंट इंडिया (पीएफआई) एवं कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) संगठन के नया केन्द्र बन रहा है। वहां पर युवाओं को संगठन में शामिल करने और साम्प्रदायिक दंगा भड़काने के लिए बरगलाया जा रहा है। इस खुलासे के बाद नोएडा एसटीएफ ने अपनी जांच तेज कर दी है।
अक्टूबर माह में हाथरस में एक दलित युवती की हत्या और कथित दुराचार के मामला देशभर में सुर्खियों में बना था और इस हत्या का आरोप गांव के ही युवकों पर लगा था। इस केस की जांच वर्तमान में सीबीआई कर रही है। हाथरस कांड पर बवाल के दौरान सात अक्तूबर को मथुरा के मांट टोल के समीप से पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था। जिनके नाम अतिकुर्ररहमान, आलम, सिद्दीकी व मसूद अहमद से एसटीएफ नोएडा यूनिट ने पूछताछ की थी और इस पूछताछ में अहम जानकारियां मिली हैं।
एसटीएफ ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार इनसे पूछतााछ में जो तथ्य मिले हैं उन की पुष्टि रऊफ शरीक ने भी की है। उसकी गिरफ्तारी रविवार को त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट से हुई है। रऊफ, मसूद और अतिकुर्ररहमान के बीच बैंक खातों में करोड़ों का लेनदेन मिला है, जिसका प्रयोग दंगा भड़काने में किया जाना था। वर्तमान में मामले की जांच यूपी एसटीएफ कर रही है।
पुलिस ने भी कहा था साजिश के लिए जा रहे थे हाथरस
चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस ने कहा था कि हाथरस में दंगा भड़काने के मकसद से दिल्ली से पीएफआइ-सीएफआइ के सदस्य अतिकुर्ररहमान, आलम, सिद्दीकी व मसूद बीते सात अक्टूबर को हाथरस जा रहे थे। पुलिस की तरफ से दर्ज मुकदमे में भी कहा गया था कि बड़ी साजिश के तहत चारों आरोपित हाथरस जा रहे थे। उनके कब्जे से बरामद लैपटॉप व छह मोबाइल फोन में कुछ अहम जानकारी मिली थी। उनके कब्जे से आई एम नॉट इंडियन डॉटर पंफ्लेट बरामद किए गए थे जो कि सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाने वाले एवं जन विद्रोह भड़काने वाले थे।
जांच में मिले फर्जी कंपनियों के नाम खाते
एसटीएफ नोएडा यूनिट ने जब आरोपितों से पूछताछ की तो कुछ अहम जानकारियां मिली हैंं। कुछ फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक में खाते खुलवाए गए थे। उनका प्रयोग दंगा भड़काने के लिए विदेश से मिलने वाली मोटी रकम के लिए किया जाता है। भारत में उन खातों का प्रयोग मसूद, अतिकुर्ररहमान व रऊफ कर रहे थे।
यूपी एसटीएफ आईजी अमिताभ यश का कहना है कि आरोपियों से रिमांड पर हुई पूछताछ में कुछ अहम जानकारी हाथ लगी है। रऊफ व पूर्व में मथुरा में पकड़े गए संगठन के सदस्यों के बीच मोटी रकम का लेन-देन होने की भी जानकारी मिली है, हर बिंदू पर टीम जांच कर रही है।