नोएडा। आपने निसंतान दम्पत्ति को आपने बच्चों को गोद लेते सुना और देखा होगा। लेकिन शाहजहांपुर मे एक दम्पत्ति ने एक बछड़े को पहले गोद लिया और फिर उसका मुंडन समारोह धूमधाम के साथ कराया। इस समारोह को लेकर हरकोई चकित है।
बताया जाता है कि बछड़े को दम्पत्ति ने अपने बेटे के रूप में अपनाया है। उन्होंने उसका नाम लाल्टू रखा है। दरअसल, विजयपाल और राजेश्वरी देवी की शादी के 15 साल पहले हुई थी और अब तक कोई बच्चा नहीं हुआ। विजयपाल ने बताया कि मैंने हमेशा लाल्टू को अपना बेटा माना। वह अपने जन्म से ही हमसे जुड़ा हुआ है। हमारे लिए लाल्टू का प्यार सच्चा और बिना शर्त है। उन्होंने कहा कि लाल्टू की मां (गाय) को उनके पिता ने पाला था और वह गाय से बहुत जुड़े हुई थे। गाय के मरने के बाद बछड़ा अनाथ हो गया था, इसलिए हमने उसे अपने बेटे के रूप में अपनाने का फैसला किया।
गाय को मां की श्रद्धा तो बछड़े को बच्चे का प्यार क्यों नहीं?
उन्होंने पूछा कि अगर एक गाय को मां के रूप में श्रद्धा दी जा सकती है, तो एक बछड़े को पुत्र के रूप में प्यार क्यों नहीं किया जा सकता? हालांकि, स्थानीय ग्रामीण, उत्साहित होने के साथ-साथ आश्चर्यचकित भी थे, जब उन्हें इस अनूठे ‘मुंडन’ का निमंत्रण मिला। बहुत सारे लोग इस आयोजन में शामिल हुए। दावत में शामिल हुए राम बिहारी ने कहा कि हम सभी इस दंपत्ति और बछड़े के लिए उत्साहित और खुश हैं। यह अच्छी परंपरा है और हम आशा करते हैं कि अन्य लोग भी इसका अनुसरण करेंगे। इससे मनुष्य और पशु के बीच के संबंध मजबूत होंगे। समारोह के बाद लाल्टू बाबा को मिलने वाले ‘उपहार’ में कंबल, दूध पिलाने की कटोरी और कुछ नकदी शामिल हैं।