Sunday, November 24, 2024
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सोनिया गांधी ने बुलाई अहम बैठक, असंतुष्ट नेताओं के होंगे गिलेशिकवे दूर, कांगेस में बड़े बदलाव के संकेत

नई दिल्ली। कांग्रेस में व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर पत्र लिखने वाले पार्टी के 23 नेताओं के दल में शामिल कुछ नेता शनिवार यानि आज पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास 10 जनपथ पर मुलाकात करेंगे। बैठक में कांग्रेस को मजबूत करने व नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी बात होंगी। आपको बता दें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी के अंत में होना है।


अहम बैठक में ये नेता होंगे शामिल

व्यापक संगठनात्मक बदलाव और पार्टी को मजबूत करने को लेकर होने वाली बैठक में डॉ मनमोहन सिंह,एके एंटनी, पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, आंनद शर्मा, शशि थरूर, भूपिंदर सिंह हुड्डा, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, हरीश रावत समेत राहुल गांधी व प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे।

कमलनाथ भी सोनिया गांधी से करेंगे


सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी के साथ इन नेताओं की मुलाकात की भूमिका तैयार करने में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यममंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका है। 19 अगस्त शनिवार यानि आज की इस प्रस्तावित बैठक में वह भी शामिल होंगे। कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले ही सोनिया से मुलाकात की थी। पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल एक नेता ने इसकी पुष्टि की है कि उन्हें सोनिया से मुलाकात के लिए बुलाया गया है।

नाराज नेताओं के भी होंगे गिलेशिकवे दूर


कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि सोनिया से कुछ ऐसे नेता भी मिल सकते हैं जो लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं, हालांकि वे पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में शामिल नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सुलह की गुंजाइश बढ़ सकती है।

अगस्त माह में पत्र खिलने वाले नेताओं में कई दिग्गज नेता भी शामिल

गत अगस्त महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी। इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया। कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी, आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी। इसके बाद वे फिर से कांग्रेस कई नेताओं के निशाने पर आ गए।

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