छाता। छाता नगर पंचायत के वार्ड संख्या 6 में पिछले तीस साल से किसी तरह का विकास कार्य नहीं हुआ। इस वार्ड के सैकड़ों परिवा सफाई, शुद्ध पेयजल और व्यवस्थित मार्ग जैसी मूलभूत सुविधाआें से भी वंचित हैं। क्षेत्र के इस पिछड़ेपन के पीछे लोग पंचायत अध्यक्ष ओर अधिकारियों के मनमाने और भेदभाव पूर्ण रवैये को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
प्रदेश की योगी सरकार सभी जाति और वर्ग के लोगों के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। नगर क्षेत्र के विकास के लिए आए दिन योजनाएं बन रही हैं। धन भी आवंटित हो रहा है। इसके बावजूद छाता नगर पंचायत के वार्ड संख्या छह में रहने वाले लोग लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। बिजली, पानी स्वच्छता और सफाई के लिए कार्य कराने वाली नगरपंचायत के प्रति लोगों में रोष व्याप्त है। लोग वार्ड की इस बदहाली के लिए पंचायत अध्यक्ष के मनमाने और भेदभावपूर्ण रवैये को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
वार्ड सभासद राकेश कुमार का कहना है कि अपने क्षेत्र के विकास और व्याप्त समस्याओं को लेकर कई बार नगरपंचायत कार्यालय सहित उच्च अधिकारियों को लिखित रुप से अवगत करा दिया गया है। इसके बाबजूद आज तक कोई भी कार्य पंचायत अध्यक्ष के द्वारा नही कराया गया है। नगर पंचायत के चुनाव के तीन साल बीत जाने के बाद भी वार्ड की स्थिति जस की तस बनी है। टूटे खरंजे, कूड़े के ढेर,मीठे पानी की किल्लत से लोगों को आये दिन काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सभासद राकेश ने कहा कि शासन द्वारा नगरपंचायतों के विकास के लिए करोड़ों रुपये आते हंै। लेकिन जब वार्डों में विकास कार्य नहीं किया जाता तो आखिर उस पैसे को कहाँ लगाया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचायत अध्यक्ष चंद्रप्रकाश उर्फ बॉबी जादौन के द्वारा जातिवाद के रवैये की वजह से 3 साल में कोई भी कार्य नहीं कराया गया है। जबकि वार्ड नं 6 सींगु थोक छाता नगरपंचायत का सबसे बड़ा वार्ड है। जिसमे लगभग ढाई हजार से अधिक आवादी है। इस वार्ड में पिछले तीन वर्षों से कोई कार्य नही हुआ है।