गोविन्द भारद्वाज
मथुरा। मथुरा वृंदावन नगर निगम के योगी सरकार द्वारा मनोनीत पार्षदों को लेकर चौकाने वाली बात सामने आई है। यूपी सरकार द्वारा नामित किए गए पार्षदों को अपने अधिकारों के बारे में ही जानकारी नहीं है। काबिलेगौर बात यह है कि इन भाजपा पार्षदों ने कई बार नगर आयुक्त और महापौर से इस बारे में पूछा, लेकिन इनको किसी ने भी मनोनीत अधिकार के अधिकारों के बारे में नहीं बताया। यह खुलासा नियो न्यूज ने मनोनीत पार्षदों से किए गए संवाद के दौरान हुआ।
नगर निगम में विगत माह प्रदेश की योगी सरकार ने 10 पार्षदों को मनोनीत किया था। इन भाजपा के सभी 10 नए पार्षदों का कहना है कि नगर निगम में उनके द्वारा पद और गोपनियता की शपथ तो ले ली। लेकिन, आज तक उनको अपने अधिकारों का पता नहीं है। मनोनीत किए गए सभी भाजपा पार्षदों का कहना है कि उनके द्वारा मेयर और नगर आयुक्त से भी कई बार मुलाकात कर पूछा गया है कि आखिर उनके अधिकार क्या है?
इस चौकाने वाली बात का खुलासा तब हुआ जब बुधवार को बोर्ड बैठक में मनोनीत सभी पार्षदों ने अपनी आपत्ति जताई कि उनमें से किसी को भी कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और मनोनीत पार्षद मदनमोहन श्रीवास्वत ने कहा कि शासन द्वारा दस ऐसे लोगों को पार्षद मनोनीत किया जाता है। जो कि लंबे समय से पार्टी हित में कार्य कर रहे थे। आज नगर निगम की बोर्ड बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में हम सभी मनोनीत पार्षद आए हैं। लेकिन अभी तक नगर निगम द्वारा हमें नहीं बताया गया कि आखिर हमारे नगर निगम के प्रति अधिकार क्या है और कत्तव्र्य क्या है।