आज भी दुनिया में कई ऐसी जगह हैं जो रहस्य बनी हुई हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहे है जिसे जानकर आपको बेहद हैरानी होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हम बात कर रहे है मध्य प्रदेश के अहम पर्यटन स्थल रामराजा सरकार की नगरी ओरछा की। जहां विशाल महलों के बीच एक राजकुमार और उसकी नृत्यांगना प्रेयसी की यह अधूरी प्रेम कहानी आज भी मिसाल मानी जाती है।
ओरछा के राजकुमार ने एक नृत्यांगना से बेहद प्यार किया था। लेकिन शाही परिवार के कारण शादी नहीं कर पाया। गम में डूबी उनकी प्रेयसी राय प्रवीण सती हो गई। राजकुमार पागलों की तरह सती हुई प्रेमिका की राख लिए रोता रहा। अपने प्रेमिका के प्यार में एक साल में ही अपने त्याग दिए। महल में राजकुमार और नृत्य करती उसकी प्रेयसी के बने चित्र इस प्रेम कहानी को जीवंत बनाए हुए हैं।
बताते हैं कि राजकुमार सती हुई राय प्रवीण की चिता की राख लिए काफी देर तक रोता रहा. राजकुमार की मानसिक स्थिति इसके बाद से गड़बड़ हो गयी। एक साल में ही उसकी भी मौत हो गई।
इससे घबराई राय प्रवीण ने एक श्लोक के जरिये अकबर से कहा कि एक राजा को शोभा नहीं देता कि वह झूठी थाली में खाए। वह पहले ही किसी और की हो चुकी है। अकबर इससे प्रभावित हुआ और उसने राय प्रवीण को वापस ओरछा भेज दिया।