मनमोहन पारीक
मथुरा। सावधान! कहीं आप पर साइबर ठगों की नजर तो नहीं। दोस्त या रिश्तेदार का नाम लेकर कोई अंजान फोन नंबर से कोई आपसे ऑन लाइन रकम तो नहीं मांग रहा। यदि ऐसा है तो आप सतर्क हो जाइए। क्योंकि मथुरा में सक्रीय साइबर ठगों के गैंग अब लोगों को ऑन लाइन ठगने का नया तरीका निकाला है। साइबर ठगों द्वारा दो दुकानदार सहित तीन लोेगों से ठगी का प्रयास किया गया। दो दुकानदारों के बैंक अकाउंट भी खंगाल डाले।
दुनिया में कहीं से भी किसी को भी ऑन लाइन रकम का लेनदेन सुविधा जनक हो गया है। घर बैठे ऑन लाइन शॉपिंग का भी के्रज लोगों में तेजी से बढा है। व्यापारी भी लूट और चोरी की डर से ऑन लाइन रकम के आदानप्रदान करने लगे हैं। जिस तेजी के साथ देश की अर्थ व्यवस्था ऑन लाइन हो रही है। इसे देखते हुए साइबर ठग भी लोगों को ऑन लाइन ठगी करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसलिए ऑन लाइन पेंमेंट करने से पहले सतर्क रहने की आवश्यकता है।
केस -1
मथुरा के तुलसी नगर निवासी धीरेन्द्र सिंह के साथ साइबर ठगों ने सोमवार शाम को ऑन लाइन ठगी का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि सोमवार शाम को एक फोन कॉल अंजान मोबाइल नंबर 7741053878 से उनके मोबाइल पर आई। इस अनजान नंबर से साइबर ठग ने वाट्स एप की डीपी पर उनके दोस्त विनोद का फोटो लगा रखा था। अनजान व्यक्त ने वाट्स एप चेैट कर पहले हालचाल पूछा और उसके बाद 20 हजार रुपए से मदद करने को कहा। उसने अपना पेटीएम अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड भी वाट़्स एप सेंड कर दिया। धीरेन्द्र सिंह ने जब वाट्स पर फोटो देखा तो उन्हें अपने परिचित दोस्त विनोद का फोटो दिखा। लेकिन नंबर अनजान होने पर उन्हें शक हुआ। उन्होंने विनोद से दूसरे फोन नंबर से फोन कर बात की तो वह हैरान रह गए। दोस्त विनोद ने पैसे की आवश्यकता से इनकार किया इस तरह की वाट्स एप चैटिंग करने से भी इनकार किया और वह ठगी होने से बच गए।
केस -2
- वृंदावन के सीएफसी चौराहा स्थित मोहनी मोबाइल शॉप के मालिक माधव श्रीवास्तव के पास सोमवार शाम को एक अंजान नंबर 8135032360 से फोन कॉल आई। अज्ञात व्यक्ति ने उनके दोस्त विकास का रिश्तेदार बताते हुए वाट्स एप पर चैटिंग कर 20 हजार रुपए दो दिन के लिए देने को कहा। जिस अंजान नंबर से फोन कॉल आई उसकी वाट़्स एप डीपी पर सेैनिकों की वर्दी में कुछ लोगों का फोटो लगा था। दुकानदार ने विश्वास में आकर अपना पेटीएम नंबर दे दिया। अंजान व्यक्ति ने दुकानदार को बातों में उलझाने का प्रयास करते हुए पेटीएम नंबर पर दुकानदार का नंबर हटाकर अपना मोबाइल नंबर डालने को कहा। इस पर दुकानदार को शक हुआ। अंजान व्यक्ति ठग ने इस बीच दुकानदार का एक बैंक अकाउंट खंगाल लिया, उसमें मात्र 900 रुपए जमा थ। अंजान व्यक्ति ने उसमें 15 हजार रुपए डालने को कहा। दुकानदार को शक हुआ। उसने जब दोबारा फोन किया तो फोन न उठाकर अज्ञात ठग ने माबाइल बंद कर दिया और वाट्स अप पर हुई चैटिंग भी डिलीट कर दी।
- केस- 3
गोशाला नगर निवासी विकास अग्रवाल की वृंदावन में सीएफसी चौराहा पर मिठाई की दुकान है। सोमवार शाम को दुकानदार के फेसबुक मैंसेंजर पर एक अज्ञात ने लड़की की प्रोफाइल फोटो और नाम लिखकर चैटिंग की और कुछ समय में बातों-बातों में उसका पेटीएम और फोन पे का एकाउंट और नंबर और जानकारी मांगने लगा। दुकानदार ने ऑन लाइन पैसे के आदानप्रदान से इनकार कर दिया तो दुकानदार से किसी अपने दोस्त का नाम जिसके पास ऑन लाइन रकम भेजने की व्यवस्था हो, पूछा। दुकानदार ने अपने दोस्त माधव का नाम उस अज्ञात व्यक्ति को सुझा दिया और वह ठगी का शिकार होने से बच गया।
साइबर ठगी से बचने में बरतें ये सावधानियां
- कभी किसी को अपने मोबाइल में आया ओटीपी न दें
- कभी भी अपने पेटीएम या फोन पे में दूसरे का मोबाइल नंबर न एड करें
- रकम भेजने से पहले अच्छे से अपने परिचित, जिसे भेज रहे हंै उसे सुनिश्चित कर लें
- बैंक संबधी जानकारी किसी अनजान को न दें
- एटीएम का नंबर, पिन नंबर किसी को न दें
- अपनी फेसबुक या किसी सोशल मीडिया अकाउंट पर बैंक संबंधी जानकारी शेयर न करें
- फेसबुक मैसेंजर, वाट्स एप पर किसी अपरिचित को अपनी निजी जानकारी शेयर न करें, ही अपने दोस्तों की
साइबर ठग ठगी का शिकार बनाने से पहले करते हैं ऐसा
साइबर ठग आजकर लोगों को ऑन लाइन ठगी का शिकार बनाने के लिए नया तरीका अपना रहे हैं। वह व्यक्ति को शिकार बनाने से पहले व्यक्ति की फेसबुक अकाउंट खंगाल रहे हैं। उसमें वह चैटिंग के फेसबुक पोस्टों से यह भी नजर कर रहे हैं कि कौन किसका ज्यादा परिचित है। कौन किसका क्लोज दोस्त या रिश्तेदार है। उसी दोस्त या रिश्तेदार का फोटो वाट्सएप पर डीपी लगाकर वह लोगो को शिकार बना रहे हैं।