Tuesday, April 22, 2025
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व्यावसायिक विश्लेषण की बारीकियों से रूबरू हुए राजीव एकेडमी के विद्यार्थी


बिजनेस सॉल्यूशन डिजाइन व्यापारिक विश्लेषण को समझने हेतु जरूरी


मथुरा। व्यवसाय वह आर्थिक क्रिया है जिसके द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन और वितरण किया जाता है। व्यवसाय का उद्देश्य मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि करके लाभ कमाना है। व्यावसायिक विश्लेषण का उपयोग संगठनों को काम करने और उस परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने के लिए परिवर्तन की आवश्यकता को पहचानने और व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

यह जानकारी गुरुवार को राजीव एकेडमी फार टेक्नोलाजी एण्ड मैनेजमेंट के एमसीए विभाग द्वारा बिजनेस एनालिसिस एण्ड साल्यूशन डिजाइन पर आयोजित आनलाइन कार्यशाला में स्नेहा चटर्जी सीनियर बिजनेस कंसल्टेंट आईटी सर्विस (लंदन-यूनाइटेड किंगडम) द्वारा छात्र-छात्राओं को दी गई। श्री चटर्जी ने विद्यार्थियों को बताया कि व्यावसायिक विश्लेषण के अंतर्गत हमें यह समझना और निर्धारित करना होता है कि संगठन काम कैसे करे ताकि उसकी पूरी क्षमता का पता चल सके। इसमें संगठनात्मक लक्ष्यों की परिभाषा और उन रणनीतियों की पहचान करना भी शामिल है जिन्हें किसी संगठन को पालन करने की आवश्यकता होती है, जिससे वह इन लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त कर सके।

श्री चटर्जी ने विद्यार्थियों को बताया कि बिजनेस साल्यूशन डिजाइन व्यापारिक विश्लेषण को समझने हेतु बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक विश्लेषण संगठनों के लिए परिवर्तन को पेश करने और प्रतिबंधित करने के लिए एक अनुशासित दृष्टिकोण है, चाहे वे मुनाफे वाले व्यवसाय हों, सरकारी हों या गैर लाभकारी हों। श्री चटर्जी ने कहा कि डिजाइन समाधान परिभाषा प्रक्रिया का उपयोग हितधारक अपेक्षाओं से प्राप्त उच्चस्तरीय आवश्यकताओं और डिजाइन समाधान में तार्किक विघटन प्रक्रिया के आउटपुट का अनुवाद करने के लिए किया जाता है। छात्र-छात्राओं ने श्री चटर्जी से व्यवसाय विश्लेषक के रूप में करिअर कैसे शुरू किया जाये, के बारे में भी विस्तार से जानकारी हासिल की।

संस्थान के निदेशक डा. अमर कुमार सक्सेना ने वक्ता स्नेहा चटर्जी का आभार मानते हुए कहा कि कोरोना संक्रमणकाल में आनलाइन कार्यशालाओं की महत्ता बढ़ गई है, इसीलिए राजीव एकेडमी द्वारा लगातार विषय विशेषज्ञों के अनुभवों का लाभ छात्र-छात्राओं को दिलाया जा रहा है। डा. सक्सेना ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे कार्यशालाओं से अर्जित ज्ञान को अपने करिअर निर्माण में जरूर प्रयुक्त करें।

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