वृंदावन। वृंदावन में 16 फरवरी से लगने वाले कुंभ मेला को लेकर जहां शासन-प्रशासन द्वारा तैयारियां जोर-शोर से किए जाने का दाबा किया जा रहा है। वहीं संत कुंभ मेला की तैयारियों को लेकर नाखुश हैं। वृृंदावन कुंभ को प्रशासन द्वारा संत समागम नाम दिए जाने पर संतों ने रोष व्यक्त किया और आन्दोलन की चेतावनी दी है।
गुरुवार को अखाड़ा परिषद के बृज क्षेत्र के अध्यक्ष महंत हरीशंकर दास नागा सहित अन्य संतों ने कुंभ स्थल का जायजा लिया। वहां अति धीमी गति से हो रहे कार्यों पर नाराजगी जताई। महंत हरीशंकर दास नागा ने कहा मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों के आने पर कुंभ की तैयारियां तेज हो जाती हैं। लेकिन सामान्य तौर पर तैयारियों की गति अति धीमी है। उन्होंने कुंभ मेला में मोबाइल शौचालयों की अधिक जरुरत पर जोर दिया।
प्रदेश सरकार से मांग की है कि खालसा और लगने वाले शिविरों में संत, महंतों के साथ-साथ देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी आएंगे। उन्होंने कहा कि वृंदावन कुंभ का नाम संत समागम रखकर उसे संकुचित किया जा रहा है। जबकि इसका विशेष महत्व है।
महंत फूलडोल बिहारी दास ने कहा कि वृंदावन कुंभ को संत समागम का नाम न दिया जाए। यदि ऐसा करने का कुत्सित प्रयास किय गया तो वह आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे।