महिलाओं की इज्जत न करने वाले लोग देश के हर प्रदेश में मौजूद है, बहुत सारी घटनाएं इसका प्रमाण हैं, निर्भया कांड सबसे बड़ा प्रमाण है। अफसोस आज तक ऐसी घटनाएं रोकने पर कोई कड़ा कदम नही उठाया जा रहा। सब राजनीतिक पार्टियां अपने अपने मतलब निकालने पर चल रही है, बाकी किसी को ऐसे शैतानी कृत्य पर अफसोस नही है।
कभी हैदराबाद और उन्नाव की घटनाओं के बाद से, लोग समाज में जागरूकता फैलाने के लिए कई उपाय कर रहे हैं। इसी क्रम में वाराणसी की सामाजिक संस्था अगम ने एक नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत किसी को भी किसी भी बुरे मंदिर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इसके लिए एक कानूनी पोस्टर भी लगाया गया है।
पोस्टर वाराणसी के कालिका गली में कालरात्रि मंदिर और मुख्य द्वार परा और गर्भगृह सहित अन्य स्थानों पर लगाया गया है। यह उन लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाता है जो अपनी बेटियों का सम्मान नहीं करते हैं,वे लोग जो अपनी बेटियों के जन्म का कष्ट सहते हैं, और जो दुर्जन हैं।
कार्यक्रम के आयोजक संतोष ओझा ने कहा, “भगवान का स्थान सबसे पवित्र है।” महिलाएं और लड़कियां देवी की तरह होती हैं और जो उनका सम्मान नहीं करती हैं उन्हें ऐसे पवित्र स्थानों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। यह अभी भी शुरुआत है