स्वराज की परिकल्पना ने हमें मजबूत संविधान दिया
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में पूरे जोश-खरोश के साथ देश का 72वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सीएस दुबे ने झंडारोहण किया और शिक्षकों व विद्यार्थियों ने देशभकक्ति के गगनभेदी नारे लगाकर वातावरण गुंजायमान कर दिया।
संस्कृति विवि के मैदान में गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडारोहण करते कुलपति प्रो. सीएस दुबे
संस्कृति विवि के शिक्षकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सीएएस दुबे ने कहा कि स्वराज का नारा बाल गंगाधर तिलक ने दिया। उसी स्वराज को पाने के बाद देश को एक मजबूत संविधान मिला। एक लंबी स्वतंत्रता की लड़ाई के बाद यह सपना साकार हो सका। इस लड़ाई में सभी ने अपने-अपने तरीके से भाग लिया।
प्यारे विद्यार्थियो आज जब रोबोट के निर्माण की बात हो रही है तो मेरा कहना है कि सबके स्वराज की भावना रखने वाली भारतीय संस्कृति को जानिए और बारीकी से समझिए तभी आपके द्वारा बनाए जाने वाले रोबोट राम की संस्कृति के होंगे, रावण के नहीं। संस्कृति नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य केके पाराशर ने अपनी रचना के माध्यम से क्रांतिकारियों के बलिदान को सराहा।
इस मौके पर विवि की छात्रा अमिषा स्वरूप, नमिषा, पूजा सिंह ने देशभक्ति से ओत-प्रोत भावुक गीतों से सबको सराबोर कर दिया। छात्रों ने सामूहिक गीत प्रस्तुत किए। अंत में संस्कृति विवि के कुलसचिव पूरन सिंह ने सबको धन्यवाद दिया।