Sunday, November 24, 2024
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पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने सस्पेंड होने के बाद इंडिया टुडे से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। मीडिया की दुनिया से एक बड़ी खबर सामन आई है। इंडिया टुडे प्रबंधन द्वारा 2 हफ्तों के लिए ऑफ एयर किए जाने के बाद राजदीप सरदेसाई ने चैनल को छोड़ने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि अप्रमाणित सूचना साझा करने वाले राजदीप ने अपने ऊपर कार्रवाई के बाद संस्थान को इस्तीफा सौंप दिया।

इससे पूर्व में खबर आई थी केवल एक हफ्ते में दो बार झूठी खबर फैलाने के लिए प्रबंधन ने उन्हें ऑफ एयर करने और 1 महीने की सैलरी न देने का निर्णय लिया था। संस्थान ने पाया था कि ट्वीट्स ग्रुप की सोशल मीडिया पॉलिसी से अलग थे। इसीलिए उन्हें सरदेसाई पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी पड़ी।

सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार का निलंबन व सैलरी में कटौती सरदेसाई के लिए बहुत बड़ा अपमान है, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया। बता दें कि इससे पहले राजदीप के बयानों के कारण उनका विरोध सोशल मीडिया पर खूब हुआ था। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एम नागेश्वर राव ने उन्हें लेकर लिखा था, “राजदीप भारत के विरोध में उकसाने के लिए जाने जाते हैं।” उन्होंने इंडिया टुडे से सरदेसाई की बातचीच का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “यह वीडियो स्पष्ट रूप से भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने के अपराध को स्थापित करता है जो आईपीसी धारा 121 के तहत दंडनीय है जिसकी सजा मौत या आजीवन कारावास होती है। दिल्ली पुलिस को इसे हिरासत में लेना चाहिए।”

गौरतलब है कि अक्सर अपने ट्विटर अकाउंट से फर्जी खबरें फ़ैलाने वाले राजदीप सरदेसाई को लेकर लोगों में नाराजगी देखी जाती है। गणतंत्र दिवस की सुबह से ही किसानों के प्रदर्शन के बीच, दिल्ली के डीडीयू मार्ग पर एक व्यक्ति की ट्रैक्टर पलटने के कारण मौत हो गई थी। आईटीओ के पास पूरे चौक पर सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर खड़े रहे। जिसे लेकर समाचार चैनल ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक और फेक न्यूज़ फैला दी और पोल खुलने पर अपना ट्वीट चुपके से डिलीट भी कर दिया।

दरअसल, राजदीप सरदेसाई ने तिरंगे में लिपटी मृतक की लाश की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा कि इसकी मौत पुलिस की गोली से हुई है। राजदीप ने ट्विटर पर लिखा, “पुलिस फायरिंग में आईटीओ पर 45 साल के नवनीत की मौत हो गई है। किसानों ने मुझे बताया कि उसका ‘बलिदान’ व्यर्थ नहीं जाएगा।”

लेकिन हकीकत ये है कि ट्रैक्टर रैली और उपद्रव के दौरान जिस व्यक्ति की मौत हुई, वह पुलिस फायरिंग में नहीं, बल्कि ट्रैक्टर पलटने से मारा गया था। दरअसल, ड्राइवर ने काफी तेज रफ्तार से चल रहे ट्रैक्टर को अचानक से मोड़ दिया, जिसकी वजह से संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर पलट गया। इस दौरान किसान की मौत हो गई।

ऐसे ही 23 जनवरी को सरदेसाई ने राष्ट्रपति कोविंद पर नेताजी की गलत तस्वीर का अनावरण करने का आरोप मढ़ा था। मगर, बाद में मौजूदा सबूतों के आधार पर यह साबित हो गया था कि जिस तस्वीर का उस दिन राष्ट्रपति ने अनावरण किया वह ‘नेताजी’ की असली तस्वीर का ही स्केच थी। न कि उनका किरदार निभाने वाले कलाकार प्रसनजीत चटर्जी की।

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