नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने भयानक तबाही हुई है। यहां ग्लेशियर फटने के कारण हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट बांध टूट गया है, जिसके कारण कई मजदूरों करीब 50 लोगोें के बहने की आशंका है। बचाव कार्य जारी है। आईटीबीपी के 100 से अधिक जवान राहत एवं बचाव कार्य के लिए पहुंच गए हंै। निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। इस प्राकृतिक हादसे में कई घरों के बहने की भी आशंका है। स्थानीय प्रशासन के सुरक्षा के मद्देनजर धौलीगंगा नदी के किनारे बसे कई गांवों को खाली कराने का आदेश दे दिया है। साथ ही पानी के तेज बहाव के कारण कीर्ति नगर, देवप्रयाग, मुनि की रेती जैसे इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
इधर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि चमोली जिले से एक प्राकृतिक आपदा की सूचना मिली है। जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभागों को स्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिए गए हैं। लोगों से अनुरोध है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। वहीं चमोली जिले की पुलिस ने बताया है कि तपोवन रेणी क्षेत्र में ग्लेशियर फटने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी क्षति पहुंची है, जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है और अलकनंदा नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लोगों को जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।