गोवर्धन। जन-जन के आराध्य गिरिराज महाराज की शिला को ऑन लाइन बेचने पर ब्रज के संतों में उबाल है। वहीं ब्रजवासियोें ने गोवर्धन और वृंदावन में पुलिस से गिरिराज शिला बेचने वाली कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। संत महंत इस गिरिराज शिला की ऑन ऑन लाइन बेचने पर संतों के विचार क्या है? आइए जानते हुए उनके विचार।
सियाराम बाबा ने बताया कि गोवर्धन पर्वत, यमुना एवं ब्रज भूमि केवल यही तीन मूल धरोहर कृष्ण के समय से अब तक अस्तित्व में हैं। गोवर्धन पर्वत की हर एक सिला पवित्र और पूज्यनीय हैं। ये शिलाएं राधा-कृष्ण की लीलाओं के साक्षी हैं। इन पर राधा-कृष्ण के पदचिन्हों की छाप है। ब्रज में गिरिराज सिला को राधा एवं कृष्ण स्वरूप में पूजते हैं। ब्रज भूमि से गिरिराज शिलाओं को चोरी छुपे बाहर ले गए तथा वे महाविपदाओं की बलि चढ़ गए। इस कंपनी का भी बलि चढ़ने का समय आ गया है।
संगीत कृष्ण साँवरिया महाराज ने कहा कि इंडिया मार्ट कंपनी ने ऑनलाईन बेवसाइड पर लक्ष्मी डिवाइन आर्टिकल स्टोर चेन्नई द्वारा गिर्राज शिलाओं की सेल बिक्री का मैसेज वायरल किया है, जिससे लोगों के धार्मिक भावनाएँ आहत हुई है ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन कड़ी कार्यवाही करे ।
अशोक नारायण दास महाराज ने कहा कि इंडिया मार्ट कम्पनी ने लोगों की भावनाओ को आहत किया है इस कृत्य की साधु संत समाज विरोध करता है ऐसे लोगों के खिलाफ साधु संत समाज एफआईआर दर्ज कराकर कार्यवाही कराएगा।
सीताराम दास महाराज ने कहा कि गिरिराज महाराज की शिलाओं को ब्रज से बाहर नही ले जाया सकता जो व्यक्ति चोरी छिपे ले गया है वह महाविपदाओं की बलि चढ़ा है। राधा कृष्ण स्वरूप गिरिराज शिलाओं को ऑनलाइन बेचने बाली कंपनी के संचालक के खिलाप प्रशासन कड़ी कार्यवाही करे।