लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने हाथरस में जातीय दंगा भड़काने की साजिश के आरोपी पीएफआई सदस्य रऊफ शरीफ को यूपी एसटीएफ की टीम ने केरल एयरपोर्ट से धर दबोचा। रऊफ पीएफआई की छात्र विंग का पदाधिकारी है। उसे हाल ही इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। वह केरल की जेल में बंद था, लेकिन उसे जमानत मिल गई थी। इसी मामले में एसटीएफ ने भी रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन किया था। मगर जमानत मिलने के बाद एसटीएफ की एक टीम ने केरल पहुंचकर रऊफ को गिरफ्तार कर लिया।
यूपी एसटीएफ मथुरा में दर्ज यूएपीए के केस में रऊफ शरीफ को प्रोडक्शन वारंट पर ला रही है। एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार यानी 15 फरवरी को रऊफ शरीफ को मथुरा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
साजिश का सूत्रधार राउफ शरीफ
अधिकारियों के मुताबिक, ईडी ने मथुरा जेल में इन सभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ भी की थी। जांच के दौरान पता चला कि हाथरस में दंगे करवाने की पूरी साजिश सीएफआई के नेशनल जनरल सेक्रेटरी केए राउफ शरीफ ने तैयार की थी। ये सभी उसी के इशारे पर हाथरस जा रहे थे। राउफ शरीफ को 12 दिसंबर को उस वक़्त गिरफ्तार किया गया, जब वो हिंदुस्तान छोड़कर फरार होने की कोशिश कर रहा था।
खाड़ी से भेजी गई मोटी रकम
ईडी अधिकारियों ने बताया कि जांच में ये भी पता चला कि हाथरस में दंगे करवाने के लिए पीएफआई के गल्फ में बैठे आकाओं ने कई अलग-अलग तरीके से राउफ को मोटी रकम भेजी थी, जिसमें हवाला रैकेट का इस्तेमाल भी किया गया था। जांच में सामने आया है कि 1.36 करोड़ रुपये पीएफआई और सीएफआई के सदस्यों, पदाधिकारियों को दिए गए थे, जिनका इस्तेमाल सीएए प्रोटेस्ट, दिल्ली दंगों और हाथरस दंगों की साजिश में किया गया।
पीएफआई खातों में जमा किए गए 100 करोड़ कैश
जांच में ये भी सामने आया है कि पिछले कुछ सालों में ढाक के खातों में 100 करोड़ रुपये के करीब कैश जमा किये गए। इसको लेकर ईडी अभी तफ्तीश कर रही है। साल 2013 में एनआईए की जांच में भी इससे पहले सामने आया था कि पीएफआई और सीएफआई ने युवाओं को ब्रेनवॉश कर उन्हें टेरर कैम्प में ट्रेनिंग भी दी है। इसके अलावा पिछले साल ढाक और उससे संबंधित संगठन रेहाब इंडिया फाउंडेशन द्वारा 50 लाख रूपये विदेशों से लेने के मामले में भी जांच कर रही है।