राजस्थान के सिरोही जिले के रेवदर गाँव के नव नियुक्त सरपंच अजबराम चौधरी ने पद ग्रहण करने से पहले अपनी कुर्सी पर काल भैरव को नियुक्त किया है। उनकी हिचकी से हर कोई हैरान है। ऐसा करने के बाद, उन्होंने घोषणा की कि वह अगले पांच वर्षों तक अपनी कुर्सी पर नहीं बैठेंगे,
वे फर्श पर बैठेंगे और कुर्सी पर बैठेंगे। कुछ लोग इस सरपंच के कृत्य को अंधविश्वास करार दे रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि इसने लोगों के कल्याण के लिए ऐसा किया है। अजबराम चौधरी ने ग्राम विकास अधिकारी से कहा कि यदि किसी कारणवश वे कार्यालय नहीं आते हैं, तो उन्हें हर सुबह अपनी आरती और पूजा पाठ करना होगा।
चौधरी की हिचकिचाहट से गाँव के लोग भी कुर्सी पर बैठने से कतराते हैं, क्योंकि सरपंच खुद फर्श पर बैठे हैं। कार्यालय में काम करने के लिए आने पर वृद्ध भी खड़े हो जाते हैं। ये लोग सरपंच की भावना की सराहना करते हैं। और इसीलिए वे एक कुर्सी पर बैठने में भी संकोच करते हैं।
सरपंच ने कहा कि चुनाव से पहले ही, उन्होंने घोषणा की थी कि वह अपनी कुर्सी पर नहीं बैठेंगे और फर्श पर बैठेंगे।चौधरी बताते हैं कि वे सरपंच चुने जाने से पहले वार्ड 13 से पंच थे। पंच रहते अक्सर ग्राम पंचायत रेवदर की बैठकों में जाना होता था। तब महसूस किया है कि सरपंच कुर्सी पर बैठा रहता है
और गांव के बुजुर्ग लोग उनके सामने कुर्सी पर बैठने से कतराते हैं और वे खड़े खड़े ही अपनी समस्याओं से अवगत करवाते हैं। उसी समय तय कर लिया था अगर मैं सरपंच बना तो ऐसा नहीं होगा। ग्रामीण और सरपंच सब एक ही जाजम पर बैठेंगे।