आईएसआईएस के कथित आतंकी अबू मूसा ने मंगलवार को कलकत्ता की एक अदालत में जज के यहां बूट फेंका। यूएपीए कानून के तहत उसके खिलाफ अदालत में मामला दायर किया जा रहा है। हालांकि, इस बूट को जज ने महसूस नहीं किया था।
एनआईए के वकील तमाल मुखर्जी आतंकवादी बूटों को बदलने के लिए आए थे। मुखर्जी ने दावा किया है कि वह जूते पहनने से घायल हुए थे। आईएसआईएस और जमात-उल-मुजाहिदीन मूसा कादिर की चपेट में हैं, जिन्हें 2016 में बांग्लादेश के साथ कथित रूप से संबद्ध करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
उनके खिलाफ युवाओं को फ़ैन देने की कथित भूमिका में मुकदमा चलाया जा रहा है। जेल में इस तरह की हिंसक वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी ने अदालत में चिल्लाने से पहले कहा कि उसे पुरुषों के लिए बने कानूनों पर विश्वास नहीं है। उसे कानून पर विश्वास नहीं है, उसे न्याय नहीं मिलेगा।
2018 में, मूसा ने प्रेसीडेंसी जेल में एक जेल वार्डन पर हमला किया और घायल कर दिया। बता दें कि मूसा को इससे पहले बंगाल की अलीपुर जेल में रखा गया था, मगर उसने वहां जेल के हेड वॉर्डन पर हमला किया। उसने वॉर्डन अमाल करमाकर को पाइप से पीटा। मारपीट की घटना के बाद उसे प्रेसिडेंसी जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
सीआईडी की पूछताछ में उसने माना है कि वह आतंकी संगठन आईएसआईएस के संपर्क में रहा और उसने भारत में आईएसआईएस के लिए भर्ती की है। शुरुआती जांच के बाद मामले की जांच एनआईए को ट्रांसफर कर दी गई थी।