मथुरा। श्री कृष्ण जन्मभूमि के 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व के मामले मथुरा की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। केशवदेव मंदिर एवं एक भक्त ने वादी पक्ष के तौर पर न्यायालय से जांच आयोग की नियुक्ति की अपील की है। सुनवाई के दौरान चार प्रतिवादियों में से दो ही कोर्ट में हाजिर हुए। प्रतिवादी पक्ष ने न्यायालय से कुछ समय मांगा। इस पर न्यायालय ने इस केस की सुनवाई की तारीख 9 मार्च दी है।
कृष्ण भक्त एवं अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह की याचिका 950/2020 एवं ठाकुर केशवदेव मंदिर द्वारा की गई अपील पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई हुई। इमसें वादी पक्ष ने अदालत से अपील की है कि जांच आयोग का गठन किया जाए। वह मौके जाकर मुआयना करे और अपनी जांच रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को वास्तविकता से अवगत कराए। मौके की वीडियोग्राफी और फोटो भी कराए जाए। जब जांच आयोग जांच करे तो वहां वादी और प्रतिवादी पक्ष भी मौजूद होंं।
वादी पक्ष महेन्द्र प्रताप ने अदालत में गत 23 दिसंबर को यह दावा किया था। कि 1669 में मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। वह 13.37 एकड़ जमीन है। इसके बाद आठ जनवरी को एक प्रार्थना पत्र पुन: अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था। जिसमें अदालत से जांच आयोग के गठन की अपील की गई थी। न्यायालय ने इस केस की अगली सुनवाई की तारीख 9 मार्च दी है।
अदालत में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता एवं कृष्ण भक्त महेन्द्र प्रताप सिंह ने चार को पार्टी बनाया था। जिसमें सुनवाई के दौरान आज सिर्फ दो पार्टी अदालत में हाजिर हुई है। इनमें शाही मस्जिद और जन्म भूमि संस्थान शामिल हैं। जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड और श्रीकृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट प्रस्तुत नहीं हुए हैं।