Friday, October 18, 2024
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यूपी की योगी सरकार का पांचवा पेपललेस बजट- जानिए क्या-क्या है बजट में


लखनऊ। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार सोमवार को अपने मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और आखिरी बजट पेश कर रही है। यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2021-22 पेपरलेस बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने अपनी शुरुआत कोरोना महामारी से शुरू की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षण में प्रदेश ने महामारी पर काबू पाया है। किसान, महिला सशक्तिकरण और गांव पंचायतों का विकास पर जोर रहा।


विधानसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने 40 लाख प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाया। इतना ही नहीं कोटा में फंसे 12 हजार छात्रों को वापस लेकर आए। प्रयागराज से भी प्रतियोगी छात्रों को उनके घर तक पहुंचाया। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि महिला सामथ्र्य नाम से नई योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है।


वित्त मंत्री ने इस बार 2021-2022 का 5 लाख 50 हज़ार 270 करोड़ का बजट पेश किया। इससे पहले योगी सरकार ने पहला बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ का पेश किया गया था। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ का बजट था। 2018-19 में 4.28 लाख करोड़ का बजट था। 2019-20 में 4.79 लाख करोड़ का बजट था। 2020-21 में 5.12 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। वित्त मंत्री ने उत्तरप्रदेश में मजदूरों को घंटे के हिसाब पेमेंट देने की बड़ी सौगात दी है।


9 मेडिकल कॉलेज बनाने को 1950 करोड़ का प्रस्ताव

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा “9 मेडिकल कालेज बन रहे है। इसके लिए 1950 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। सभी मंडलों में अटल स्कूल खोले जाएंगे। प्राथमिक विद्यालयों में यूनीफार्म उपलब्ध कराने के लिए 40 करोड़ रुपए का प्रस्ताव पास हुआ। वित्त मंत्री ने प्राथमिक शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि एक से कक्षा आठ तक यूपी का प्रत्येक बच्चा आवश्यक रुप से पढना चाहिए। इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। पीजीआई लखनऊ में डायबिटिक रोगियों के लिए अलग नई व्यवस्था की जाएगी। एक जनपद एक उत्पाद योजना के लिए 250 करोड़, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना योजना 100 करोड़, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए 30 करोड़, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना अंतर्गत महिला एवं आरक्षित वर्ग की लाभार्थियों को दस लाख रुपए तक ब्याज रहित ऋण तथा सामान्य वर्ग के पुरुष लाभार्थियों को 4% वार्षिक ब्याज पर बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था माटी कला की परंपरागत कला एवं कारीगरों को संरक्षित करने हेतु बजट में 10 करोड़ की व्यवस्था।

किसानों को नाबार्ड से मिलेगा रियायती दरों पर लोन

रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण हेतु 150 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित। किसानों को नाबार्ड से रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराये जाने हेतु ब्याज अनुदान योजना के अन्तर्गत 400 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित। एकीकृत सहकारी विकास योजना के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव।

उद्योगों को बढावा देने के लिए 250 करोड़

प्रदेश में एक जनपद – एक – उत्पाद (ओडीओपी) योजना हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित। यूपी स्टेट स्पिनिंग कम्पनी की बन्द पड़ी कताई मिलों की परिसम्पत्तियों को पुनर्जीवित कर पीपीपीमोड में औद्योगिक पार्क / आस्थान / क्लस्टर स्थापित कराये जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रूपये का बजट व्यवस्था प्रस्तावित। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के पारम्परिक कारीगरों हेतु विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिये 30 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।

वस्त्रोद्योग को बढावा देने का बड़ा प्रयास

वित्तीय वर्ष 2021-2022 में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में 25,000 रोजगार सृजन का लक्ष्य। पावरलूम बुनकरों को राज्य सरकार द्वारा रियायती दर पर विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था। किसान किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 से आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजना संचालित की जायेगी। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

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