Friday, October 18, 2024
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कुछ ऐसा करें ताकि गर्व हो कि हम संस्कृति विवि के छात्र हैः डा. सिंह

संस्कृति विवि के ‘परस्पर संवाद’ कार्यक्रम में बोले मुख्य अतिथि

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित ‘परस्पर संवाद’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. सतीश कुमार सिंह (चेयर-आईइइइ-यूपी सेक्शन) ने कहा कि अपने परिश्रम से वह मुकाम हासिल करें ताकि दस वर्षों बाद आपको यह बताने में गर्व हो सके कि हम संस्कृति विवि के छात्र हैं।


डा. सिंह ने कहा कि किसी भी विवि की छवि वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सफलता पर निर्भर करती है। विद्यार्थियों की सफलता ही विवि के वातावरण, उसकी शिक्षा के स्तर और वहां होने वाले नवोन्मेष की कहानी का बयान करती है। जब आप सफल होते हैं तो आपको यह बताने में कभी हिचक नहीं होती कि आप कहां से पढ़े हैं। नए विद्यार्थी आपसे प्रेरणा लेते हैं।

उन्होंने कहा कि आई ट्रिपिल ई की सदस्यता आपको सभी आयामों में दक्षता प्रदान करती है। आई ट्रिपिल इ एक बड़ी लाभ कमाने वाली इंडस्ट्री है लेकिन यह इंडस्ट्री नहीं है। यह अपने सदस्य को मूल्यवान बनाती है। यह सरकारी संस्था आपको एक ऐसा प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है जहां आप अपने आपको यह सिद्ध कर सकते हैं कि आप किसी से कम नहीं।

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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Wednesday, 3 March 2021

डा. सिंह ने कहा कि आई ट्रिपिल इ से जुड़ना आपके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसके द्वारा आप दुनिया के एक बड़े नेटवर्क से जुड़ते हैं। इसके प्लेटफार्म से आपको आगे का समृद्ध रास्ता मिलता। यदि आप इसके सदस्य हैं तो बहुत ही कम पैसे में अपने पूरे परिवार का स्वास्थ्य बीमा करा सकते हैं, जो कहीं और से नहीं हो सकता।
इससे पूर्व संस्कृति विश्वविद्यालय के अकेडमिक डीन संजीव कुमार शर्मा डा. सिंह को संस्कृति विवि और उसकी उपलब्धियों के बारे विस्तार से बताते हुए कहा कि हम अपने निर्धारित मार्ग पर विश्वविद्यालय को दुनिया के चुनिंदा 100 विवि में स्थापित करने के लिए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। हमें विश्वास है कि हम जल्द ही अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे।

क्रार्यक्रम शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। कार्यक्रम के दौरान विवि की विशेष कार्याधिकारी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने मुख्य अतिथि डा. सतीश कुमार सिंह का शाल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन विवि की शिक्षिका आइशा जुल्का ने किया।

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