आज देश के महानगरों में देह व्यापार अन्य धंधों से सबसे ज्यादा फायदे का साबित होता दिखाई दे रहा है। लड़कियों को यह लालच रहता है, जो काम वह महीने भर किसी ऑफिस में घंटों सिर खपाने के बाद भी उतना वेतन नहीं पा सकती,जितना कि वे एक दिन में कुछ घंटे में कमा लेती हैं।यह कड़वा सच है कि महानगरों में कई लड़कियां अपने शरीर को हवस के भूखों को सौंपकर न केवल अपनी जरूरतों को पूरा कर रही हैं बल्कि वे पूरा घर ही नहीं चला रही है बल्कि घर में रहने वाले बच्चों की फीस तक का इंतजाम कर रही हैं।हवस के पुजारी आते हैं और अपनी गर्मी कुछ मिनटों में खत्म करके चले जाते हैं
पूरे साल में यहा ठड़ी हवाएं तलती है। जानकारी के लिए बता दें कि ज्यादातर खदाने गैरकानूनी तरीके से चल रही है।बता दें कि यहां के पुरूष व महिलाओं को मजदूरों के नाम पर काम मिलता है। मजदूरों से बंधुआ मजदूरों की तरह काम कराया जाता है। काम के बदले सभी लोगों को खाने के लिए रोटी दी जाती है। यहां के लोग अपने जरूरतों को भी पुरा नहीं कर पाते है जिसके चलते महिलाएं वैश्यावृति का रास्ता चुनती है।
यहां पर मजदूर से 90 दिन तक काम कराया जाता है उसके बदले 1 दिन उनके जेबों में भरकर मैटेरियल ले जाने की इजाजत होती है। सोने की खदानों में काम करने वाले मजदूर आज भी गरीब है।
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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Thursday, 11 March 2021