Sunday, November 24, 2024
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कोरोना वैक्सीन पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- पहले देश उसके बाद विदेश

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के देश में फिर से बढते केसों क बीच भारत ऐसे देशों को भी कोविड-19 वैक्सीन का निर्यात कर रहा है जिनके साथ ‘अच्छे संबंध’ नहीं हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते बुधवार को केंद्र से कहा कि पहले वे देश में अपनी छवि बनाएं, उसके बाद विदेश का सोचें।

न्यायालय ने यह टिप्पणी उस याचिका पर, जिसमें न्यायाधीशों, अदालत के कर्मचारियों और वकीलों समेत न्यायिक कामकाज से जुड़े सभी लोगों को ‘अग्रिम मोर्चे का कर्मी’ घोषित करने का अनुरोध किया गया है ताकि उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 टीके लगाए जा सकें। न्यायाधीश विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सरकार नागरिकों और देश की जरूरत को लेकर संवेदनशील होगी।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर पीठ ने कहा, ‘मिस्टर मेहता, आज के अखबारों में लिखा है कि आप ऐसे देशों को भी वैक्सीन निर्यात कर रहे हैं जिनके साथ ‘बहुत ज्यादा अच्छे संबंध’ नहीं हैं। इसके चलते भारत के लोग अछूते रह जाएंगे। पहले देश में अपनी अच्छी छवि बनाइए, उसके बाद विदेशों का सोचें।’

पीठ ने आगे कहा, ‘न्यायपालिका महत्वपूर्ण इकाई है और राज्य के तीन स्तंभों में से एक है। दूसरे से तुलना ठीक नहीं होगा। इसका कामकाज बाधित हो रहा है। कोई भी इनकार नहीं कर सकता है कि मामलों के निपटारे की क्षमता प्रभावित हुई है। सैकड़ों, हजारों लोग यहां रोज जमा होते हैं। यहां संक्रमण का बहुत ज्यादा खतरा है।’

तुषार मेहता ने कहा कि सरकार नागरिकों की जरूरत को लेकर बहुत संवेदनशील है जो कि मामले में दाखिल हलफनामे से स्पष्ट हो जाएगा और टीकाकरण के मामले में भारत दूसरे देशों से काफी आगे है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी पेशे की दूसरे से तुलना करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं और ऐसा करना भी नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘तीनों इकाइयों में केंद्र सरकार ने उम्र, जोखिम और रोगों से ग्रस्त होने के आधार पर वर्गीकरण का यह फैसला किया है। कार्यपालिका और विधायिक के लोग भी अभी टीका लेने के हकदार नहीं हैं, जब तक कि उनकी उम्र 60 साल से अधिक न हो या 45 से 59 के बीच विभिन्न रोगों से ग्रस्त होने की श्रेणी में न आते हों।’ उन्होंने कहा कि पेशे के आधार पर टीका देने के बजाय सरकार कोविड-19 संक्रमण के जोखिम के आधार पर टीकाकरण अभियान चला रही है। उच्च न्यायालय ने मामले को 19 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया है।
उच्च न्यायालय ने चार मार्च को केंद्र सरकार से पूछा कि था वह कोविड-19 का टीका पाने के लिए विशिष्ट वर्गीकरण किए जाने के पीछे का कारण बताए।

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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Thursday, 11 March 2021
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