संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में कोविड-19 के बाद नई वैश्विक व्यवस्था पर हुआ मंथन
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में कोविड-19 के बाद नई वैश्विक व्यवस्था पर अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें अफ्रीका के कई देशों के राजदूत तथा कांसुलेट के अन्य उच्च पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के आरम्भ में कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने सभी अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों का संस्कृति विश्वविद्यालय पधारने पर स्वागात तथा हार्दिक बधाई देते कहा की भारत कोविड-19 के बाद नई वैश्विक व्यवस्था बनाने में द्रुत गति से प्रयासरत है। उन्होंने यह भी कहा संस्कृति विश्वविद्यालय के सभी छात्रों तथा शिक्षकों ने कोरोना काल में पूरी शिद्दत से लोगों को सेवा प्रदान किया और भविष्य में भी सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है।
उन्होंने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय में विदेशी मूल के छात्र तथा छात्राएं भी काफी संख्या में अध्ययनरत हैं। इस प्रकार के आयोजन से सभी छात्रों को समसामयिक मुद्दों पर राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य से अवगत कराया जाता है। भारत में तंज़ानिया के उच्चायुक्त बराका लुवाँडा ने सेमिनार में कहा कि हमें नई तकनीक के विकास पर जोर देना चाहिए तथा नई तकनीक का विकास कर उन्हें अविकसित तथा विकासशील देशों को प्रदान करना चाहिए। नई वैश्विक व्यवस्था के लिए प्रचुर मात्रा में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की आवश्यकता होगी।
भारत में बोत्सवाना के उच्चायुक्त महामहिम शगिल्बर्ट शिमाने मंगोले ने कहा कि नई वैश्विक व्यवस्था बनाने के लिए दृढ़ राजनीतिक संकल्प एवं रणनीति प्रबंधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश के प्रबुद्धतम नागरिकों को ज्वलंत मुद्दों एवं समस्यायों का हल ढूंढना होगा तथा मानवता की रक्षा करनी होगी।
कार्यक्रम की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय मामलों के निदेशक सक्षम गुप्ता के स्वागत भाषण से हुई । तदोपरांत डॉ. राणा सिंह ने कोविड-19 के बाद नई वैश्विक व्यवस्था पर भारत में कोविड-19 के दौर में नई वैश्विक व्यवास्था विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भारत ने कोविड-19 से लड़ने के लिए वैक्सीन लम्बे अनुसंधान के बाद बनाई है और विश्व के कई देशों में इसका निर्यात भी कर दिया है।इससे पहले अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारम्भ सरस्वती वंदना तथा द्वीप प्रज्ज्वलन से किया गया।
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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Tuesday, 16 March 2021
इस अवसर पर भारत में बोत्सवाना के उच्चायुक्त महामहिम श्गिल्बर्ट शीमाने मंगोले, भारत में तंज़ानिया के उच्चायुक्त महामहिम बराका लुवाँदा, भारत में तंज़ानिया की साधिकार मंत्री नतीहैका एफ मयूसु, नाइजीरिया के दूतावास के मंत्री, घाना हाई कमीशन के राजनीतिक तथा आर्थिक काउंसलर जॉर्ज बार्कले नूहर, बर्किना फासो दूतावास के हेड ऑफ़ कांसुलर अफेयर्स कॉलीबाली डी हर्वे, ज़ाम्बिया हाई कमीशन के कांसुलर डॉ. क्लारेंस चिलूबा, हाई कमीशन ऑफ़ ज़ाम्बिया के द्वितीय सचिव वितुमव नामुंडा हाई कमीशन ऑफ़ बोत्सवाना से चेनसनी असा, दी डिप्लोमैटिस्ट की प्रकाशक लिंडा ब्रैडी हॉक एवं अन्य गणमान्य लोगों ने इस अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में अपने विचार तथा शोधपत्र प्रस्तुत किए । सेमिनार में संस्कृति विवि की विशेष कार्याधिकारी मीनाक्षी शर्मा के अलावा कई प्रमुख शिक्षाविद् मौजूद रहे।