दुनियाभर में रहस्यों कि बात कि जाऐ तो रहस्यो से हमारी दुनिया भरी हुई है कुछ रहस्य तो काफी अलग होते है जिनके बारें में यकिन कर पाना बहुत ही मुश्किल है। दुनिया में कुछ रहस्य ऐसे है जो हमें काफी कुछ सोचने को मजबुर कर देती है
आज एक ऐसे ही रहस्य के बारें में बताने जा रहै है। आइऐ जानते है इस रहस्य के बारें में। एक ऐसा कुआँ जो 900 साल से भी ज्यादा पुराने एक कुँए की जिसके अंदर 30 किलोमीटर लंबी सुरंग बनी हुई हैं। हम बात कर रहे हैं गुजरात के पाटण में स्थित ‘रानी की बावड़ी’ के बारे में। साल 2014 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
यहा के लोगो का कहना है की रानी की वाव (बावड़ी) का निर्माण 1063 ईस्वी में सोलंकी राजवंश के राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने करवाया था। रानी उदयमति जूनागढ़ के चूड़ासमा शासक रा’ खेंगार की पुत्री थीं।
यह वाव 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और 27 मीटर गहरा है। यह भारत में अपनी तरह का सबसे अनोखा वाव है। इसकी दीवारों और स्तंभों पर बहुत सी कलाकृतियां और मूर्तियों की शानदार नक्काशी की गई है।
इनमें से अधिकांश नक्काशियां भगवान राम, वामन, नरसिम्हा, महिषासुरमर्दिनी, कल्कि आदि जैसे अवतारों के विभिन्न रूपों में भगवान विष्णु को समर्पित हैं। ऐसा कहा जाता है कि इसके अन्दर 30 मीटर लंबी सुंरग बनी हुई है यह सुरंग पाटण के सिद्धपुर में जाकर खुलती है। ऐसी रहस्यमय सुंरग जो एक रहस्य बनी हुई है।