Friday, October 18, 2024
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नई शिक्षा नीति में छात्र-छात्राओं की रचनात्मक क्षमता बढ़ाने पर जोर


राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हुई कार्यशाला में विनीता सरीन ने व्यक्त किए विचार


मथुरा। शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलावों को देखते हुए बुधवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षकों को अवगत कराने के लिए आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की मुख्य वक्ता आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोडेक्ट मैनेजर विनीता सरीन ने शिक्षकों को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा की पहुंच, समानता, गुणवत्ता, वहनीय शिक्षा और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है।


श्रीमती सरीन ने कहा कि किसी देश का विकास उस देश की शिक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। भारत प्राचीनकाल से अपनी विद्वता के लिए प्रसिद्ध रहा है। हमारे वेदों ने दुनिया को ज्ञान, तकनीकी विज्ञान तथा अनुसंधान सिखाया है, इसी कारण इसे विश्वगुरु का दर्जा मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज बहुसांस्कृतिक लोकतांत्रिक समाज है जिसमें शिक्षा के विभिन्न स्वरूप दिखाई देते हैं। सूचना क्रांति के इस दौर में छात्र-छात्राओं में सृजनात्मकता, स्वप्रत्यय, चिंतन, तर्क अभिवृत्ति, अभिरुचि क्षमता बढ़ाना महत्वपूर्ण है।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोडेक्ट मैनेजर विनीता सरीन।


श्रीमती सरीन ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र-छात्राओं में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय तथा नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया है। इतना ही नहीं स्कूली और उच्च शिक्षा में छात्र-छात्राओं के लिये संस्कृत तथा अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं का विकल्प उपलब्ध कराया गया है लेकिन किसी भी छात्र पर भाषा के चुनाव की कोई बाध्यता नहीं रखी गई है।


मुख्य वक्ता सरीन ने बताया कि नई शिक्षा नीति में छात्र-छात्राओं के सीखने की प्रगति को बेहतर बनाने के लिए नियमित तथा रचनात्मक आकलन प्रणाली को अपनाने का सुझाव दिया गया है। साथ ही इसमें विश्लेषण तथा तार्किक क्षमता एवं सैद्धांतिक स्पष्टता के आकलन को प्राथमिकता देने का भी सुझाव दिया गया है। श्रीमती सरीन ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कई ऐसे पहलू हैं जिन पर अमल कर हम छात्र-छात्राओं की मेधा को सहजता से निखार सकते हैं।

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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Wednesday, 17 March 2021


स्कूल के प्रधानाचार्य शैलेन्द्र सिंह ग्रेवाल ने कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल नवीनतम शिक्षा नीति को ग्रहण कर छात्र-छात्राओं का हर क्षेत्र में चहुँमुखी विकास करने को हमेशा प्रतिबद्ध रहा है और भविष्य में भी रहेगा। श्री ग्रेवाल ने मुख्य वक्ता विनीता सरीन को स्मृति चिह्न प्रदान कर शिक्षकों का आह्वान किया कि उन्होंने कार्यशाला में जो भी सीखा है, उसे अपने अध्यापन में अवश्य ही अमल में लाएं।


आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डा. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि कार्यशालाओं के निरंतर आयोजन से न सिर्फ छात्र-छात्राएं बल्कि शिक्षक भी लाभान्वित होते हैं। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि समय-समय पर कार्यशालाओं के आयोजन से शिक्षकों को नवीनतम जानकारी मिलती है, जिसका लाभ छात्र-छात्राओं को मिलता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में आए बदलावों का स्वागत करता है तथा इसका लाभ छात्र-छात्राओं को मिले इसकी हरमुमकिन कोशिश होगी।


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