नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर मुखर होकर अपनी बात रखने वाले मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने दो टूक लहजे में कहा है कि अगर सरकार को लगता है कि मैं उनका नुकसान कर रहा हूं तो मैं हट जाऊंगा और अपनी बात बिना गवर्नर रहते हुए रखूंगा।
एक इंटरव्यू में मलिक ने कहा, ‘आंदोलन के दौरान करीब 250 किसानों की मौत से मैं बहुत दुखी है।’ उन्होंने कहा कि मुझे गवर्नर पद छोड़ने में भी कोई समस्या नहीं है।
प्र्रश्न: क्या आपको इस बात का डर नहीं लग रहा कि आप राज्यपाल पद पर रहते हुए यह बयान दे रहे हैं?
जवाब: अगर सरकार को लगता है कि मैं उनका नुक़सान कर रहा हूं तो हट जाऊंगा। बिना गवर्नर रहते हुए बोलूंगा। जब कुतिया मर जाती है तो भी संवेदना प्रकट की जाती है और यहां तो 250 किसान मरे हैं किसी ने कोई संवेदना व्यक्त नहीं की। दरअसल, जो सरकार का नुक़सान चाहते हैं वो ही नहीं चाहते कि हल निकले।
अगर ये आंदोलन ऐसे ही चलता रहा तो दीर्घकाल में बीजेपी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में बहुत नुक़सान होगा। मुझसे किसानों की ये हालत देखी नही जाती। स्थिति यह है कि बीजेपी के नेता अपने गांव से बाहर जा नहीं पा रहे। लोग बीजेपी के विधायकों को पीट रहे हैं। किसानों के मुद्दे पर न बोलकर हमने पूरी ज़मीन विपक्ष को दे दी।
किसान की मौत से मैं बहुत दुखी हूं इसलिए मैंने कहा कि गवर्नर पद छोड़ने में कोई समस्या नहीं, मैं गवर्नर पद छोड़ दूंगा फिर बोलूंगा। मेरे बयान से पार्टी को नुकसान नहीं बल्कि फ़ायदा हैं। किसानों को लगेगा कि कोई तो उनकी बात कर रहा है। किसानों को खाली हाथ नहीं भेजा जाना चाहिए। मैंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों से बात की है। सरकार को जल्द किसानों से बातचीत शुरू करनी चाहिए।