वृंदावन। कुंभ मेला स्थित ब्राह्मण सेवा संघ शिविर में राष्ट्रीय विप्र महासम्मेलन का आयोजन शिक्षाविद, समाजसेवी, ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक पंडित चंद्रलाल शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। सम्मेलन में देश में आरक्षण नीति का विरोधा किया गया और इसे पूर्ण रुप से समाप्त करने पर जोर दिया गया।
सम्मेलनन का शुभारंभ वामन भगवान और भगवान परशुराम के चित्रपट का पूजन करके किया गया। इसके पश्चात मंगलाचरण हुआ। वल्र्ड ब्राह्मण फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प. मांगेराम शर्मा ने कहा कि विप्र समाज का यह विराट सम्मेलन उन लोगों को संदेश है जो ब्राह्मण समाज की एकता पर प्रश्न उठाते हैं। उन्होंने कहा ब्राह्मण एक साथ था, एक साथ है और एक साथ रहेगा। हम भले ही विभिन्न संगठनों के रूप में सेवाएं दे रहे हों परंतु हमारा लक्ष्य एक है हम मन और आत्मा से भी एक हैं। उन्होंने आगे कहा कि ब्राह्मण समाज विश्व का मार्गदर्शक रहा है वह कभी भटक नहीं सकता, ब्राह्मण में विघटन की बात वे ही लोग करते हैं जो ब्राह्मण विरोधी हैं।
सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभेष शर्मन ने कहा कि ब्राह्मण समाज किसी पर आश्रित नहीं है। हम बुद्धिजीवी हैं हमे अपने अस्तित्व एवम् बर्चस्व को बनाए रखने के लिए भावी पीढ़ी को सुसंस्कारवान बनाने की आवश्यकता है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पूर्वज विश्व के गुरु रहे हैं हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना है जो अन्य कोई हम पर उंगली उठा सके।
राष्ट्रीय अध्यक्ष प. प्रमोद शर्मा ने कहा कि हमें अपने अधिकारों के लिए एक साथ लड़ाई लड़नी होगी, राजनीतिक मतभेद हो ब्राह्मणों के अधिकारों पर कुठाराघात करते हैं। उन्होंने कहा कि देश से आरक्षण पूर्ण रूप से समाप्त होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम अपने अधिकारों के लिए कठोर से कठोर कदम उठाना भी जानते हैं और यही हमने अपने वंशजों से सीखा है।
राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प. पंकज दीक्षित ने कहा कि ब्राह्मण कोई छोटा और बड़ा नही है। हमें ये भ्रांतियां दूर करनी होंगी। शालिग्राम की वटिया पूज्यनीय हैं। जो विप्र समाज का हितैषी है। विप्र समाज उसके लिए सदैव तत्पर रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें भेदभाव नहीं करना चाहिए लेकिन कुछ महत्वाकांक्षी लोग ऐसे भी हैं जो निजी स्वार्थ के लिए ब्राह्मणों में वर्ग भेद फैलाते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
ब्राह्मण सेवा संघ के अध्यक्ष आचार्य आनन्दवल्लभ गोस्वामी ने संचालन करते हुए कहा कि सारा समाज ब्राह्मणों की ओर देख रहा है विदेशों में रह रहे ब्राह्मण भी भारत के ब्राह्मणों से अपेक्षा करते हैं जब देश का ब्राह्मण उठेगा तभी देश अपने वर्चस्व को प्राप्त करेगा। अगर भारत जैसे देश में ब्राह्मणों की उपेक्षा हुई तो देश निर्बल और कमजोर होकर टूट जायेगा लेकिन ब्राह्मण समाज ऐसा कभी नहीं होने देगा।