मथुरा। दुनिया में कहर बरपाने वाली वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लगे जनता कफ्र्यू और लॉकडाउन को आज रविवार को एक साल पूरा हो गया। लेकिन महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। देश के कई राज्यों के साथ मथुरा में भी फिर से कोरोना वायरस से संक्रमित केस सामने आने लगे हैं। हालांकि जनता कफर््यू और तीन बार लगे लॉकडाउन का दौर बड़ा ही डरावना और लोगों को परेशानी में डालने वाला था। आइए इस डरावने दौर से गुजरे मथुरा की उन पुराने पलों की यादों की ओर-
दुनिया आज से ठीक 1 वर्ष पहले कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी। चीन के बुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी के साथ पूरी दुनिया में फैल गया । कोरोना वायरस ने दुनिया में हाहाकार मचा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पीएम मोदी ने रात के 12 बजे से 22 मार्च 2020 को 24 घंटे का जनता कफ्र्यू की घोषणा की। इसके बाद ही 24 मार्च से 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा किया। लॉकडाउन की घोषणा होते ही बाजारों में राशन और जरुरत का सामान खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। बाजार में अफरातफरी मच गई थी।
सभी सरकारी एवं गैर सरकारी सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई। जिसमें रेल, हवाई सेवा और जहां तक कि चार पहिया वाहन भी बंद हो गए। लोग घरों से से बाहर नहंीं निकले। बाजारों और सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ जब पूरा देश बंद हो गया। स्कूल, कॉलेजों और मंदिर के गेटों पर ताले लग गए। डॉक्टर भी दूर से ही मरीजों को परामर्श दे रहे थे।
कोरोना पॉजिटिव लोगों के घरों को किया गया सील
स्वास्थ्य टीमें पुलिस के साथ कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति मिलने पर उसके घर जाकर एम्बूलेंस से लाते और उसे विशेष कोरोना अस्पताल में दाखिल करते। उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाता। कोरोना पॉजिटिव के घर को सील कर दिया गया। होली गेट से लेकर चौक बाजार तक लॉकडाउन के समय में सवार्धिक कोरोना पॉजिटिव पाए गए। लॉकडाउन में लोग कोरोना वायरस से इतने भयभीत हो गए कि घर से बाहर कदम रखने में भी डर रहे थे।
भारत में कोरोना का मरीज 30 जनवरी 2019 को पहले कोविड-19 संकरण मामले की पुष्टि की गई। भारत में पहला कोरोना का मरीज मिलने के बाद चिंताएं बढ़ने लगी और ऐसा लगने लगा कि कोरोना भारत में भी अपना कहर बरपा पाएगा स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट कर दिया गया फ्रंट वॉरियर द्वारा पूरी तरह से कोरोना के खिला जंग लड़ी गई। भारत में 22 मार्च को बड़ी संख्या में लोगों ने जनता कफ्र्यू का पालन किया। उसी समय ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी कि देश में लॉक डाउन लगने वाला है ,बाजारा और दुकानों में ज्यादा भीड़ दिखने लगी और लोग जरूरी सामान खरीदने लगे थे। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने लोगों से फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने की अपील की है। इस बीच प्रवासी मजदूर बेघर हो गए गरीब लोगों के लिए रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई हजारों मजदूरों को दिल्ली मुंबई जैसे बड़े शहरों से अपने घर लौटना पड़ा।
सरकार ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लोक डाउन का ऐलान कर दिया योगदान के दौरान हर तरह की यातायात सुविधाएं जैसे बस ट्रेन टेम्पो सभी पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई। हवाई सेवाओं पर भी रोक लगा दी है लोगों का कार्य बंद करा दिया गया सभी संस्थानों को निर्देश दिया गया घर वह अपने घर से ही काम कराएंगे रेस्तरां होटल व दुकानें पूरी तरह बंद कर दिए। होम डिलीवरी की सेवाओं को जारी रखा गया स्वास्थ्य कर्मी पुलिस पत्रकार और जरूरी सुधार देने वालों के अलावा सब का काम बंद कर दिया गया। धार्मिक स्थलों को भी बंद कराने कर दिया गया। दुकानों फल सब्जियों और दवा की दुकानों पेट्रोल पंप, एटीएम मशीनों को चालू रखने के निर्देश दिए गए। कोरोना के नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
कोरोना रोकने के लिए प्रशासन द्वारा सख्ती बरतने की आवश्यकता:डॉ. भूदेव
मथुरा के कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉॅ. भूदेव सिंह ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव के केस फिर से मिलने लगे हंै। रविवार को नो कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत को भले ही एक साल हो गया है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। मथुरा में रोज एक हजार कोरोना के सैंपल लिए जा रहे हैं। वर्तमान में मथुरा में कुल कोरोना पॉजिटिव केस 6800 हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि बढते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सख्ती करने की आवश्यकता है। लोेगों को कोविड-19 के नियमों का पालन कराना चाहिए। तभी कोरोना पर रोकथाम लग सकती है।