Saturday, November 23, 2024
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जी.एल. बजाज मथुरा में होली मिलन पर कवियों ने छात्र-छात्राओं को गुदगुदाया


पंकज प्रखर, पंकज जोशी, शुभम त्यागी और श्रवण कुमार ने पेश की कविताएं

मथुरा। शुक्रवार को जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यशंस मथुरा में देश के जाने-माने कवियों और कवयित्री ने संस्थान के सभागार में आयोजित कवि सम्मेलन व होली मिलन समारोह में अपनी रचनाओं से छात्र-छात्राओं तथा प्राध्यापकों को मंत्रमुग्ध किया। समारोह का शुभारम्भ संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी, कवि पंकज प्रखर, कवि पंकज जोशी, कवयित्री शुभम त्यागी और प्रोफ श्रवण कुमार ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया।


मऊ नाथभंजन से आए प्रख्यात राष्ट्रीय कवि पंकज प्रखर ने- मैं था भारत, मैं हूँ भारत, भारत-भारत मेरा परिचय, मैं नवल सृष्टि का सृजन गान, गिरिराज खड़ा इसका प्रमाण, गंगा की निर्मल सुधा राशि में, बहता मेरा मनः प्राण, मेरे चरणों में सागर है, मेरे सर पर विस्तृत वितान, मेरे ही अन्तःस्थल में तो है छुपा हुआ हर दिव्य ज्ञान, यदि मैंने सब कुछ त्याग दिया तो तुम करते हो क्यूँ संचय, मैं था भारत, मैं हूँ भारत, भारत-भारत मेरा परिचय कविता के माध्यम से छात्र-छात्राओं में जोश का संचार किया।

कवि पंकज प्रखर की जहां तक बात है, वह सास भी कभी बहू थी धारावाहिक में भी काम कर चुके हैं। अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों का संयोजन और संचालन करने में महारत रखते प्रखर रामवन कुटी काझामऊ बालक-बालिका इंटर कॉलेज में प्राध्यापक हैं तथा विभिन्न टेलीविजन चैनलों में भी काव्यपाठ करते हुए सुने और देखे जा सकते हैं। स्वामी विवेकानंद, वीर शिवाजी, सैनिक की शहादत, वीर भगत सिंह, चीन, उठो जवानों आदि इनकी मशहूर कविताएं हैं।

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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Thursday, 25 March 2021

मेरठ से आईं कवयित्री शुभम त्यागी ने- पूजारन बन गई तेरी मेरा घनश्याम तू बन जा, निरंतर चल रही हूं मैं मेरा विश्राम तू बन जा। मेरा व्रत है तुझे पाऊंगी मैं हर हाल में लेकिन, मैं पावन बन गई राधा कृष्ण निष्काम तू बन जा..कविता के माध्यम से सभागार में उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आर.जी.पी.जी. कॉलेज मेरठ में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत कवयित्री शुभम त्यागी आकाशवाणी नजीबाबाद में एंकर की भूमिका का निर्वहन भी कर चुकी हैं। इन्होंने दो फिल्मों महक सुगंध एवं देशप्रेम में भी काम किया है। इन्हें साहित्य सेवा के क्षेत्र में दर्जनों सम्मान मिल चुके हैं।

देवास मध्य प्रदेश के ख्यातिनाम हास्य कवि पंकज जोशी ने- लोगों का अहसास चुना, जनता का विश्वास चुना, छोड़ के सत्ता राम ने, बोलो क्यों वनवास चुना। अगर राम में श्रद्धा है तो, नेता सारे वन में जाओ, 14 साल के बाद में आना, नहीं बचेगा कोई काम। रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम…कविता के माध्यम से श्रोताओं को आनंदित किया। कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे डीन स्टूडेंट वेलफेयर श्रवण कुमार ने- मैं सुखों को ही सब कुछ नहीं मानता, साथ में सदा जीत भी हार भी। परिंदा हूं ये फितरत है मेरी, उड़ना नहीं आता, जमीं में आ तो जाता हूं, मगर बैठा नहीं जाता… और औरो के गम में भी रो लू तो सुबह हो आदि कविताओ के माध्यम से समारोह को चार चांद लगाए।

कवि सम्मेलन व होली मिलन समारोह की शानदार व्यवस्थाओं में प्रोफेसर हरलीन कौर, सांस्कृतिक कमेटी की चेयरपर्सन, करिश्मा मित्तल, अनुज कुमार, प्रज्ञा द्विवेदी, अनु मेहदीरत्ता, संतोष कुमार, विपिन कुमार, आशीष अग्रवाल आदि का सहयोग सराहनीय रहा। लगभग चार घण्टे चले कवि सम्मेलन का संस्थान के प्राध्यापकों, कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं ने जमकर लुत्फ उठाया। कार्यक्रम के अंत में संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कविद्वय पंकज प्रखर, पंकज जोशी तथा कवयित्री शुभम त्यागी को स्मृति चिह्न भेंटकर जी.एल. बजाज संस्थान में पधारने के लिए दिल से आभार माना।

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