नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ में फिर कोरोना संक्रमण से बचने का मंत्र देश को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष ये मार्च का ही महीना था, देश ने पहली बार जनता शब्द सुना था। लेकिन इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति का अनुभव देखिये, जनता कफ्र्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था। अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदाहरण था, आने वाली पीढ़ियां इस एक बात को लेकर के जरूर गर्व करेंगी।
उसी प्रकार से हमारे कोरोना वॉरियर के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना। आपको अंदाजा नहीं है कोरोना वॉरियर के दिल को कितना छू गया था वो, और, वो ही तो कारण है, जो पूरी साल भर, वे, बिना थके, बिना रुके, डटे रहे। इन सबके बीच, कोरोना से लड़ाई का मंत्र भी जरुर याद रखिए -‘दवाई भी – कड़ाई भी’।
पीएम ने आगे कहा, यह कार्यक्रम 2014 में शुरू हुआ था, लेकिन ऐसा लग रहा है मानों यह कल की ही बात हो। मैं सभी श्रोताओं का धन्यवाद देना चाहता हूं और उनका भी धन्यवाद जिन्होंने इस कार्यक्रम के इनपुट दिए। मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ कि आपने इतनी बारीक नज़र से ‘मन की बात’ को ऋङ्म’’ङ्म६ किया है और आप जुड़े रहे हैं। ये मेरे लिए बहुत ही गर्व का विषय है, आनंद का विषय है। मैं आज, इस 75वेंीस्र्र२ङ्मीि के समय सबसे पहले ‘मन की बात’ को सफल बनाने के लिए, समृद्ध बनाने के लिए और इससे जुड़े रहने के लिए हर श्रोता का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ।
पीएम मोदी ने कहा, किसी स्वाधीनता सेनानी की संघर्ष गाथा हो, किसी स्थान का इतिहास हो, देश की कोई सांस्कृतिक कहानी हो, ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान आप उसे देश के सामने ला सकते हैं, देशवासियों को उससे जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं। आप देखिएगा, देखते ही देखते ‘अमृत महोत्सव’ ऐसे कितने ही प्रेरणादायी अमृत बिंदुओं से भर जाएगा और फिर ऐसी अमृत धारा बहेगी जो हमें भारत की आज़ादी के सौ वर्ष तक प्रेरणा देगी।
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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Saturday, 27 March 2021
देश को नई ऊँचाई पर ले जाएगी, कुछ-न-कुछ करने का जज्बा पैदा करेगी। आज़ादी के लड़ाई में हमारे सेनानियों ने कितने ही कष्ट इसलिए सहे, क्योंकि, वो देश के लिए त्याग और बलिदान को अपना कर्तव्य समझते थे। उनके त्याग और बलिदान की अमर गाथाएं अब हमें सतत कर्तव्य पथ के लिए प्रेरित करे।