कोसीकलां। भक्त प्रह्लाद की नगरी फालेन में आज भी वर्षो पुरानी प्रथा को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ निभाया जाता है। जिसके लिए पुलिस प्रशासन के द्वारा पूरे इंतजाम किए जाते है। आस्था का एक ऐसा दृश्य देखने को मिलता है जो धधकती हुई आग की लपटों पर भी भारी पड़ता है। यहां होलिका दहन के समय गांव का पंडा आग की बड़ी -बड़ी लपटों के बीच से पार करते हुए सुरक्षित निकल जाते है।
मथुरा के थाना कोसीकला के फालेन गांव की होली का यह नजारा वाकई में अचम्भा कर देने वाला है। काफी दशकों से चली आ रही परंपरा के अनुसार होलिका दहन में आग की लपटों को पार करने वाले पंडा बसंत पंचमी से ही गांव के मंदिर में जमीन पर ही सोते हैं. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से वह अन्न का त्याग कर आहार में केवल फल व दूध इत्यादि लेते हैं. वह दोनों वक्त मंदिर में हवन करते है।
इन दिनों इस अनोखे होलिका दहन की तैयारी में पूरा गांव जुटा रहता है, जो गांव के ही प्रह्लाद मंदिर के पास में मनाया जाता है। पंडा मेले को लेकर पूरा मंदिर परिसर सहित पंडा चौक आकर्षक लाइट ऑफ है सजा हुआ दिखाई दिया। जो वाकई में देखने लायक मिला। ये सभी तस्वीरे भक्त प्रहलाद के उस चोक की है। जहाँ से प्रतिवर्ष पंडा जलती होलिका से निकलते हैं।