आगरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पूर्ण स्वामित्व का मथुरा की अदालत में दावा करने वाले अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने एक और प्रार्थना पत्र अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया है। वादी अधिवक्ता ने अदालत से कहा है कि आगरा किले के दीवान ए खास स्थित छोटी मस्जिद की सीढ़ियों में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमाएं दबी हैं। उन्हें वहां से निकलवाकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में सुरक्षित की जाएं। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तारीख तय की है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष व अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा बनौदिया की अदालत में एक वाद दायर कर रखा है। इसमें उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है।
गुरुवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान महेंद्र प्रताप ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने कहा है कि विभिन्न तात्कालिक लेखकों और इतिहासकारों ने अपने लेखों में उल्लेख किया है कि मुगल शासक औरंगजेब ने ठाकुर केशवदेव के भव्य मंदिर का विध्वंस कर मंदिर में मौजूद रत्नजड़ित प्रतिमाओं, मुख्य विग्रह भगवान श्रीकृष्ण और अन्य विग्रहों को मथुरा से आगरा ले जाकर वहां के किले में मौजूद दीवाने खास की छोटी मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया है।
प्रार्थना पत्र में अदालत से मांग की गई है कि अदालत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग या फिर अन्य सक्षम अथॉरिटी के जरिए छोटी मस्जिद की सीढ़ियों में दबी प्रतिमाओं के विषय में वैज्ञानिक विधि से अन्वेषण कर प्रतिमाओं को वहां से बाहर निकलवाएं। वहां से प्रतिमाएं श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर के किसी भाग में सुरक्षित की जाएं। महेंद्र प्रताप ने बताया कि अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तारीख तय की है।