वृन्दावन। रँगमन्दिर दिव्यदेश के ब्रम्होत्सव में ठाकुर गोदा रँगमन्नार भगवान ने भक्तो के साथ जमकर होली खेली तो भक्त भी ठाकुर जी के आनन्द रस पाने को लालायित दिखाई दिये ।प्रसिद्ध श्री रँगमन्दिर के दस दिवसीय ब्रम्होत्सव के छठे दिन ठाकुर गोदा रँगमन्नार अपने भक्तो के साथ होली खेलने निकलते है।
शनिवार की सांय चार बजे ठाकुर जी श्वेत वस्त्र धारण कर कांच के विमान में विराजमान हुए। धुर गोले के साथ ही सवारी मन्दिर परिसर से बारहद्वारी में पहुंची तो वेदमन्त्रों का उच्चारण कर कुंभ आरती उतारी गयी। मन्दिर परिसर रंगनाथ भगवान की जयजयकार से गूंज उठा। सेवायतों ने टेसू के प्राकृतिक रंगों के साथ अबीर गुलाल भक्तो पर फेकना शुरू कर दिया।

विविध प्रकार के फूलों से भी होली खेली जाने लगी। भक्त झूमने लगे। चहुंओर मस्ती का वातावरण दिखाई दे रहा था। हालांकि कोविड 19 की दूसरी लहर के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए रंग अबीर गुलाल का प्रयोग कम करते हुए फूलों की होली खेली गयी। इस सम्बंध में सीईओ अनघा श्री निवासन ने बताया कि उत्सवों की इस श्रंखला में होली का उत्सव ब्रज संस्कृति के अनुरूप मनाया जाता है।
ब्रजवृन्दावन की पवित्र भूमि में हर भक्त प्रभु की भक्ति के रंग में रंगा रहता है।इसी भाव को मानते हुए होली का उत्सव उल्ल्लास के साथ मनाया जाता है। कांच के विमान की सवारी प्रमुख मार्गों से होती हुई विश्रामस्थल बड़ा बगीचा पहुंची।जहां से पुनः मन्दिर परिसर में विराजित हुई। मन्दिर परिसर में वैदिक रीतिरिवाज से तिरुमन्जन के उपरांत नवीन वस्त्र धारण करा विशेष श्रंगार किया गया। रात्रि में ठाकुर जी स्वर्ण निर्मित हाथी पर विराजमान होकर परम्परानुसार फगुआ देने गये। जहां पान, केसरिया जलेबी, आदि निवेदित की गयी।