मथुरा। प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर के तत्वावधान में खुशिमठ खरसाली से प्रारंभ हुई यमुना कलश पदयात्रा संयोजक रणजीत महेश पाठक के नेतृत्व में अपने प्रियतम योगेश्वर श्री कृष्ण की जन्म व क्रीड़ा स्थली ब्रज में प्रवेश किया। रात्रि विश्राम मनकामेश्वर मंदिर मानागढ़ी (बाजना) में किया गया। यमुना महारानी की यह पदयात्रा दाऊजी मन्दिर जेवर से सुबह 5 बजे चलकर कलश पदयात्रा ने छटंगा खुर्द,हमीदपुर, दोरपुरी, टप्पल, जहान्नगढ़ होती हुई अपने प्रियतम की नगरी ब्रज मै प्रवेश किया।

कलश यात्रा के गुजरने के साथ-साथ ग्रामीणों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर यमुना डोली एवं इसके साथ चल रहे पदयात्रियों को जलपान व शरबत पिलाकर स्वागत किया। पदयात्रा के 32 किलोमीटर का सफर “यमुना बचाओ ,भविष्य बचाओ “,”यमुना को निर्मल रहने दो ,यमुना को अविरल बहने दो”, “नमामि यमुना, नमामि यमुना, केशव की पटरानी यमुना” जैसे नारों से गुंजायमान हो उठा। मध्यान्ह विश्राम के पश्चात के शाम 5 बजे मां यमुना के सुद्धीकरण की कामना के साथ महामृत्युंजय जप व सामूहिक यमुनाष्टक का पाठ किया।

सभी ग्राम वासियों ने प्रॉजेक्ट आत्मनिर्भर के संस्थापक रंजीत पाठक के साथ यमुना की अविरलता और शुद्धिकरण के लिए कदम से कदम मिलाने का संकल्प दिया। कलश पदयात्रा का स्वागत करने वालों में सुनील हरनौल, विकास चौधरी, सुखविंदर सिंह, हकीम सिंह, सुगड़ सिंह आदि प्रमुख थे।
पदयात्रा में आयुष नारायण, मौनु पंडित, ममलेश उनियाल, संजय चतुर्वेदी, मनसुख जुलजूल, धरमदास, दिलीप उनियाल,सुरेंद्र चतुर्वेदी, लव चतुर्वेदी, आयुष मान्यवर, प्रवेश उनियाल, सुनील उनियाल, सौरभ उनियाल आदि रहे हैं।