मथुरा। जनपद में ही भले ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर के जोश देखने को मिल रहा हो लेकिन पंचायत चुनावों को लेकर मांट क्षेत्र से खबर अच्छी नहीं है। मांट ब्लॉक में इस बार ग्राम पंचायतों में सदस्य पद के लिए 200 वार्ड में से किसी भी प्रत्याशी ने कोई नामांकन नहीं किया है।
दरअसल ग्राम प्रधान का चुनाव जीत जाने के बाद ग्राम पंचायत सदस्य का पद काफी फीका हो जाता है। ज्यादातर ग्राम प्रधान अपने घर पर बैठकर ही कॉलम पूरा कर लेते हैं, और ऐसे में पंचायत सदस्यों को पूछते तक नहीं है। इसका असर यह हो रहा है कि लोगों ने अब ऐसे में ग्राम पंचायत सदस्य का पर्चा भरना भी मुनासिब नहीं समझा।
पंचायत चुनाव में नया मामला निकल कर आया है। मांट ब्लॉक की 43 ग्राम पंचायत में कुल 576 ग्राम पंचायत सदस्य हैं। नामांकन के लिए हालात यह हो गई कि पंचायत सचिवों को जी तोड़ मेहनत करके पर छेत्र में ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए भरवाए गए, लेकिन उसके बावजूद भी 200 सदस्यों ने पर्चे नहीं भरे।
ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत गठन का होना काफी मुश्किल हो जाता है। एक नियम के अनुसार जिन ग्राम पंचायतों में तीन चौथाई से भी कम सदस्य निर्वाचित होते हैं। वहां ग्राम पंचायत तब तक अस्तित्व में नहीं आ सकती जब तक पंचायत सदस्य का कोरम पूरा ना हो सके ऐसी स्थिति में पंचायतों के सदस्य पद हेतु चुनाव की नए सिरे से अधिसूचना जारी करनी होती है और चुनाव कराए जाने का प्रावधान है हर कुछ वार्ड ऐसे हैं। जहां पर एक ही नामांकन हुआ है ऐसे में उन सभी ग्राम पंचायत सदस्यों का निर्विरोध हो जाना लगभग तय माना जा रहा है।