वृन्दावन। कोरोना संक्रमण से मचे हाहाकार के बीच पुलिस का एक बार फिर मानवीय चेहरा सामने आया है। वृन्दावन पुलिस ने कोरोना संक्रमित वृद्ध दम्पति का अंतिम संस्कार कराया है। जी हाँ कोरोना संक्रमण से जूझते पति पत्नी को जब अपनो का ही सहारा नसीब न हुआ तो पुलिस मददगार बनकर सामने आयी।

बताया जाता है कि नगर के दावानल कुंड निवासी वृद्ध रामभरोसे पाठक व उनकी पत्नी कृष्णा पाठक कोरोना संक्रमित होने की वजह से शनिवार की देर सांय काल के गाल में समा गये। लेकिन परिजनों के संवेदनहीनता का आलम देखिये,पड़ोस में ही रहने वाले पुत्र,पुत्रवधु,विवाहिता बेटी ,दामाद को न तो मरने से पहले और ना ही मरने के बाद वृद्ध दम्पति के हालात पर कोई रहम आया। भरेपूरे परिवार के मुखिया होने के बाद भी पाठक दम्पति लावारिस होकर रह गये। घण्टो तक शव लावारिस हालत में घर पर पड़े रहे। इंसानियत शर्मसार होती रही। ऐसे में पड़ोसियों ने किसी अनजानी आशंका से ग्रसित होकर पुलिस को इत्तिला कर खानापूर्ति कर दी। मामला रिश्तों को दरकिनार कर कोतवाली तक जा पहुँचा।
इस विषम परिस्थितियों में मथुरा पुलिस ने एक बार फिर मानवता के धर्म मे आस्था जताई और बिना देर किये पाठक परिवार के द्वारे जा पहुंची। पूछताछ के बाद पहले पुत्र को रिश्तों का वास्ता दिलाया।लेकिन सम्पति के विवाद में माँ बाप को छोड़ चुका पुत्र सम्बन्धो को अपनाने को तैयार नही हुआ तो पुलिस ने ही वृद्ध दम्पति के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ले ली।

बांकेबिहारी मन्दिर चौकी प्रभारी शैलेंद्र शर्मा अपनी टीम के साथ तैयारियों में जुट गये। आलाधिकारियो को सूचना दे दी गयी। कानूनी कार्यवाही के बाद पुलिस जैसे ही शवो को यमुनातट की ओर ले जाने लगी। सामाजिक तिरस्कार के भय से पुत्र व नाती भी पुलिस के साथ हो लिये।वृन्दावन पुलिस ने अपने खर्चे से पाठक दम्पति का अंतिम संस्कार कराया।