- राजनीति के चाणक्य एवं पूर्व मंत्री श्यामसुन्दर के आगे रालोद नेता योगेश नौहवार कहीं नहीं टिक सके
- जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट पर भी होगा बसपा का राजq
मथुरा। राष्ट्रीय लोकदल का गढ़ कहा जाने वाले मांट क्षेत्र में इस बार के जिला पंचायत चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने रालोद को कड़ी शिकस्त दी है। राजनीतिक के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व मंत्री श्यामसुन्दर शर्मा की राजनीति बिसात के आगे दो बार विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाने वाले एवं रालोद नेता जयंत चौधरी के करीबी योगेश नौहवार कहीं भी टिक न सके। उनके द्वारा चुनाव मैदान में उतारा गया रालोद प्रत्याशी सोनू प्रधान को हार का सामना करना पड़ा।
रालोद के गढ़ में रालोद नेता चौधरी योगेश नौहवार ने जिला पंचायत सदस्य की टिकट अपने चहेते प्रत्याशियों को दी थी। इतना नहीं, रालोद समर्थित प्रत्याशियों की जीत के लिए ऐड़ी चोटी का जोर भी लगाया गया था। वार्ड पांच जो कि नौहझील और मांट दोनों क्षेत्र में फैला है। इसमें अपने निकट करीबी सोनू प्रधान को काफी प्रयास के बाद भी जीत नहीं दिला पाए। शुरुआत से लेकर जीत तक बसपा प्रत्याशी रालोद समर्थित सोनू प्रधान पर भारी रहा। बसपा प्रत्याशी हरी सरपंच के गांव में मुकाबला रोचक होता चला गया। जैसे ही पारसोली ग्राम पंचायत की वोटों की गिनती शुरू हुई तो बराबर मुकाबला चलता रहा पर करीब 458 वोट बसपा प्रत्याशी को ज्यादा प्राप्त हुए तो सोनू प्रधान पिछड़ते चले गए और संघर्ष में ही नही दिखाई दिए।
रालोद के गढ़ में बसपा द्वारा रालोद की हार के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री श्यामसुन्दर शर्मा ने यह संकेत दिए हैं कि इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद न सत्तासीन भाजपा और न रालोद का होगा बल्कि बहुजन समाज पार्टी का होगा।
रालोद समर्थित प्रत्याशी गीतेश चौधरी था लेकिन रालोद के कद्दावर नेता योगेश नौहवार ने एनवक्त पर अपने निकट सहयोगी सोनू प्रधान को रालोद समर्थित उम्मीदवार घोषित करने के लिए पंचायत बुलाई लेकिन पंचायत स्थल पर दावत को लेकर पुलिसकर्मियों और रालोद कार्यकर्ताओं के मध्य विवाद हो गया। इसमें मांट थाना प्रभारी सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस ने 20 नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। पुलिस की इस कार्रवाई में यौगेश नौहवार, सोनू प्रधान और गीतेश चौधरी उसी दिन से फरार हो गए हैं। जबकि कइयों ने अन्तरिम जमानत भी करा ली है।
बसपा प्रत्याशी हरी सरपंच के लिए वरदान साबित हुआ। क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री श्याम सुंदर शर्मा का गांव पचहरा से सबसे अधिक वोट मिले जिनसे बाजी पलट दी और रालोद उम्मीदवार पर बसपा उम्मीदवार पचहरा से ही बढ़त बनाने लगे और मामला जीत तक पहुंच गया। इसके अलावा पूर्व मंत्री श्यामसुन्दर शर्मा ने बसपा से एक ऐसी महिला पूजा देवी को चुनाव मैदान में उतारा जिसका राजनीति से कोई सरोकार नहीं फिर भी जीतकर रालोद को करारी हार दी है। इसे लेकर भी लोगों में चर्चा का बाजार गर्म है।