पटना। कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिए आपको किसी तरह के तामझाम की आवश्यकता नहीं बल्कि बेहतर माहौल सकारात्मक सोच हल्के-फुल्के व्यायाम और डॉक्टर की बताई दवाई के बल पर आप कोरोना को आसानी से मात दे सकते हैं। यह कहना है राजधानी पटना के कांटी फैक्ट्री इलाके में रहने वाले एक परिवार का। 14 सदस्यों वाले इस परिवार में 13 सदस्य पिछले 15 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हो गये लेकिन सभी ने मिलकर कोरोन को हरा दिया।
14 सदस्यों वाले परिवार में 13 सदस्य कोरोना से ग्रस्त थे। मरीजों में 78 साल से लेकर 14 साल तक की बच्ची भी कोरोना से पीड़ित हो गई लेकिन इस परिवार ने हिम्मत रखते हुए कोरोना का मात दी। परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य 78 साल की मालती सिन्हा की मानें तो तीन दिनों तक होश भी नहीं रहा लेकिन आखिरकार हिम्मत से काम लिया और डॉक्टर की बताई दवा और योग के बल पर कोरोना को पटखनी दी।
परिवार की 72 साल की बसन्ती सिन्हा बताती हैं कि हाई ब्लड प्रेशर की पेशेंट होने के बावजूद सकारात्मक सोच ने संजीवनी का काम किया। मकान के अलग-अलग कमरे में सभी सदस्य रहते थे और एक दूसरे से व्हाट्सएप पर औऱ वीडियो कॉल के माध्यम से एक दूसरे से संपर्क में आते थे। घर के एकमात्र सदस्य राजेश जो कि कोरोना निगेटिवे थे उन्होंने सबकी बखूबी देखभाल की। भोजन बनाने से लेकर बीमार लोगों को दवा देने की जिम्मेवारी भी घर के इसी एकमात्र सदस्य की थी।
परिवार की महिला सदस्य बबीता सिन्हा बताती हैं कि एक बार तो उनका ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया था लेकिन जल्द ही डॉक्टर से परामर्श कर दवा ली और फिर योगा किया तो ऑक्सीजन लेवल सही हो गया। परिवार के पुरुष सदस्य देव कुमार की मानें तो कोरोना में हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है बल्कि अनुलोम विलोम के अलावा हल्के एक्सरसाइज और सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को मात दी जा सकती है। सच पूछा जाए तो यह परिवार उन लोगों के लिए एक बेहतर उदाहरण है जो कोरोना का नाम सुनते ही हताश और निराश हो जाते हैं। सच यो यह है कि आप सोच सकारात्मक रख व्यायाम औऱ दवा के सहारे पहले दिन से ही गम्भीरता बरतें तो कोरोना को हारना ही है।