मथुरा। कोरोना संक्रमण के चलते लगे कोरोना कफ्र्यू के बीच ईद उल फितर की नजाम अदा दी गई है। मुस्लिम समाज के लोगों ने मस्जिद की बजाय हर्षोल्लास से अपने-अपने घर ही नमाज अदा की। नमाजियों ने देश में कोरोना महामारी से निजात पाने और फिर से लोगों के बीच खुशी के लिए इबादत की। वहीं पुलिस प्रशासन चौकन्ना रहा। मस्जिद में भी मथुरा, महावन सहित अन्य क्षेत्रों में भी पुलिस ने सिर्फ पांच लोगों को ही प्रवेश और नमाज अदा करने की स्वीकृति दी।

जुमा यानि शुक्रवार को ईद उल फितर के मौके पर कोरोना महामारी के कारण बाजारों में तो रौनक नहंीं रही ना ही लोग अपने घरों के बाहर नजर आए। मस्जिद भी ईद पर सन्नाटा रहा। लेकिन इसके बावजूद मुसलिम समाम जमाज के लोगों ने ईद को बड़े ही उत्साह और खुशी के साथ मनाया। नए पकड़े पहनने के साथ ही घरों में तरह-तरह के पकवान बने। इसके अलावा एक दूसरे को फोन से ईद उल फितर की मुबारकवाद दी। परिवार के साथ बुजुर्ग, बच्चे और नौजवानों ने एक साथ ईद की नमाज अदा करने के साथ ही मिठाई खिलाई।
मोहम्मद तैय्याफ कुरैशी ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर तेजी से आई है और इस महामारी मैं कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए यह तो त्यौहार मनाया गया हैं और सभी से अपील की है कि मास्क लगाएं, सेनीटाइज करें और कहीं भी भीड़ इकट्ठा ना होने दें अपने-अपने घर में ही रहें।
नाजिद अली ने कहा कि इस वर्ष भी कोरोना बीमारी को देखते हुए सभी कौम के लोगों से यह गुजारिश की है कि अगर इस महामारी से बचना है तो अपने घरों में रहकर ही सभी त्यौहारो को मनाए वा अमन चैन की दुआ करें ताकि इस महामारी से हिंदुस्तान की आबादी को बचाया जा सके।

हाजी मोहम्मद यामीन कहते हैं कि ईद के त्यौहार को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी लोगों ने ईद उल फितर के त्यौहार को अपने घरों में रहकर ही मनाया और अल्लाह से यह दुआ की है कि कोरोना महामारी का जल्द से जल्द खात्मा हो जाए।