मथुरा। कोरोना महामारी का कहर अभी थमा नहीं कि ब्लैक फंगस लोगों के लिए जानलेवा साबित होने लगा है। जहां शुक्रवार को ब्लैक फंगस की चपेट में आए एक व्यक्ति की उपचार के दौरान मौत हो गई है। वहीं दो नए केस सामने आए हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। जिले के स्वास्थ्य विभाग के पास ब्लैक फंगस के मरीजों के बचाव को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगस के मरीजों के मामलों को दबा रहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मथुरा माधवपुरी निवासी प्रेमबिहारी मित्तल की ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए थे। मथुरा में किसी तरह क उपचार और स्वास्थ्य सेवा न मिल पाने के लिए परिजन उन्हें जयपुर उपचार के लिए ले गए। जहां उपचार के दौरान 18 मई को उनकी मौत हो गई। वह मूलरुप से अड़ीग के रहने वाले थे।
बताया जा रहा है कि प्रेम बिहारी मित्तल पहले कोरोना संक्रमित हुए। कोरोना का उपचार के दौरान उनकी ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में ले लिया। जिससे उनकी आंखों की रोशनी चली गई। एक के बाद जानलेवा बीमारी से परेशान परिजन उन्हें जयपुर उपचार के लिए ले गए। जहां उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। मरीज के निधन के तीन दिन बाद स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है। इससे स्पष्ट है कि स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगस की चपेट में आए मरीजों का ट्रैस करने में लापरवाही बरत रहा है और मामलों को दबाने का प्रयास कर रहा है।
वहीं कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. भूदेव सिंह ने शुक्रवार को दो और नए ब्लैक फंगस के मरीज सामने आने की पुष्टि की है। इनमें से एक मरीज मथुरा के चंदन वन और दूसरा वृंदावन का बताया जा रहा है। नोडल अधिकारी भूदेव सिंह और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस तरह के मामलों को दाबने का प्रयास में लगे हैं। जबकि यूपी की योगी सरकार इस कोरोना महामारी के समय लगातार मरीजों को ट्रैसिंग, टेस्टिंग और ट्रीट की रणनीति पर जोर देने के साथ ही पारदर्शिता बरतने पर जोर दे रही है।