लखनऊ। तूफान ‘ताऊ ते’ के बाद उत्तर प्रदेश पर अब चक्रवात यास का खतरा मंडरा रहा है। यह चक्रवात बुधवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के समुद्री तट से टकराएगा। मौसम विभाग के मुताबिक, इसका असर उत्तर प्रदेश के 27 जिलों पर भी दिखेगा। विभाग ने इन जिलों को अलर्ट किया है। संभावना जताई है कि 25 से 28 मई के बीच तेज आंधी और बारिश हो सकती है। बिजली भी गिरने की संभावना है। उधर, वाराणसी से ठऊफा की 4 टीमें कोलकाता रवाना की गई है।
इन जिलों में है आंधी-बारिश का खतरा
मौसम विभाग के मुताबिक, उप्र के पश्चिम क्षेत्र में स्थित मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बदायूं, कासगंज जिलों को अलर्ट पर रहने को चेताया गया है। इसी तरह पूर्वांचल में आने वाले जिले सुल्तानपुर, जौनपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, संत कबीर नगर, महराजगंज, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती और कुशीनगर जनपद को अलर्ट किया गया है। इसके अलावा बहराइच, बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी जिले के लिए चेतावनी मौसम विभाग द्वारा जारी की गई है।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता का कहा है कि मौसम विभाग ने अगले चार दिन के अंदर पश्चिम व पूर्वांचल क्षेत्रों के 27 जिलों में भारी तूफान आने की संभावना है। सभी जिलाधिकारियों को तैयारियां करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही इसके लिए संबंधित जिलों के लोगों को खुद भी सावधानी के साथ रहने को कहा गया है। इन जनपदों के लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम पर निगाह रखें और यथासंभव खुद सुरक्षित स्थान पर रहें।
वाराणसी में रिकॉर्ड बारिश की संभावना
वाराणसी में इऌव के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार की सुबह बताया कि उत्तर-पूर्व की ओर से तेज हवाएं चलेगी। संभावना है कि यास चक्रवात के असर से बनारस में रिकार्ड तोड़ बारिश होगी। इसके चलते तापमान में काफी गिरावट भी आएगी। मंगलवार को भी बारिश की संभावना जताई जा रही है लेकिन फिलहाल ऐसा संभव प्रतीत नहीं हो रहा है।
NDRF की 4 टीमें वाराणसी से कोलकाता रवाना
यास चक्रवात को देखते हुए वाराणसी स्थित ठऊफा की 11वीं वाहिनी के कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में 5 टीमों को लालबहादुर शास्त्री, बाबतपुर एयरपोर्ट से भारतीय वायुसेना के मालवाहक विमान द्वारा पश्चिम बंगाल ले जाया गया है। भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा एनडीआरएफ की टीमों को सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोलकाता में उतारा गया और वहां से टीमों को सड़क मार्ग से होते हुए पश्चिम बंगाल में चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में तैनात की जाएगी।