गोवर्धन। राधाकुंड के नगला सपेरा में नाथ संप्रदाय की महिला को वन विभाग की जमीन पर दफनाने को लेकर बवाल हो गया। वन कर्मियों ने शव को्र दफनाने को विरोध किया तो नाथ सम्प्रदाय के लोगों ने हंगामा कर दिया। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भी मौके पर पहूंच गई। काफी हंगामा के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने महिला के शव को दफनाने के लिए जगह उपलब्ध कराई गई।
नगला सपेना में नाथ सम्प्रदाय की महिला नेमा देवी (50) पत्नी हजारी प्रसाद नाथ का निधन हो गया। गुरुवार को गांवे लोग महिला के शव को दफनाने के लिए समीप में ही वन विभाग की जमीन में ले गए। दफनाने की प्रक्रिया शुरु हुई थी कि तभी वन विभाग के कर्मचारी वहां पहुंचे और शव दफनाने से रोक दिया। जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर महिला का शव रखकर विरोध प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया।
हंगामा बढता देख पुलिस मौके पर पहुंच गई। जब बात नहीं संभली तो एसडीएम राहुल यादव एवं वन विभाग के सीओ ब्रजेश सिंह परमार भी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत करने प्रयास किया। अधिकािरयों ने वन विभाग की जमीन के स्थान पर समीप में ही श्मशान घाट के समीप महिला के शव को दफनाने के लिए जमीन दी। तब जाकर राधाकुंड परिक्रमा से थोड़ी दूरी पर शव को दफनाया जा सका।
नगला सपेरा के पूर्व प्रधान विजयपाल ने बताया कि सपेरा नगला के लोगों के लिए शमशान भूमि न होने ने शवों को दफनाने को बड़ी परेशानी बनी हुई। ग्रामीण मजबूरन करीब 50 साल से नगला सपेरा के सामने वनविभाग की जमीन में शवों को दफनाते आये हैं। ग्रामीणों की मांग है की नगला सपेरा के लोगों के लिए सामाधि स्थल की जगह आवंटित कराई जाए जिससे कि लोग अपने शवों को दफना सके।
ब्रजेश सिंह परमार क्षेत्राधिकारी वन विभाग गोवर्धन ने बताया कि लोग महिला के शव को वन विभाग की जमीन में दफने गए थे उन्हें रोक दिया गया । परिक्रमा मार्ग है यहां लोग पौधे लगाए, हरियाली रहेगी। यहां शवों को दफन नही होने दिया जाएगा। लोग अपने श्मशान स्थल या समाधि स्थल पर ही शवों को दफनाए। गोवर्धन उपजिलाधिकारी राहुल यादव ने फिलहाल महिला के शव को दफनाने की व्यवस्था दूसरी जगह की गई है।