लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना के खिलाफ फ्रंटलाइन वॉरियर्स का दर्जा पाए पुलिस विभाग कोरोना संक्रमण से काल के गाल में समाए अपने साथियों को सरकारी अनुग्रह राशि देने में काफी पीछे है। इसको लेकर डीजीपी एचसी अवस्थी ने मार्च 2021 में सभी जिला कप्तानों को पत्र भी लिखा था, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिख रहा है। कोरोना से शहीद हुए 168 पुलिसकर्मियों में से अब तक मात्र 28 पुलिसकर्मियों के परिजनों को 50 लाख रुपए की सरकारी अनुग्रह राशि मिल सकी है। बाकी अनुग्रह राशि की ज्यादातर फाइलें पुलिस, डीएम और शासन स्तर पर लटकी हुई हैं।
अनुग्रह राशि की सबसे ज्यादा 76 फाइलें पुलिस विभाग के स्तर पर ही लटकी हुई है। इसके बाद 23 फाइलें जिलाधिकारी और 16 शासन के स्तर पर लटकी हुई हैं। वहीं, 168 में से 12 मामले ऐसे हैं जिन्हें जिलों के डीएम ने अनुग्रह राशि का पात्र न मानते हुए निरस्त कर दिया है, तीन फाइलों पर कार्रवाई अभी चल रही है। मेरठ जोन अनुग्रह राशि देने में सबसे आगे चल रहा है। मार्च 2020 से लेकर अब तक मेरठ जोन में 26 पुलिसकर्मी और अधिकारी शहीद हुए हैं।
इनमें से 12 पुलिसकर्मियों के परिजनों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दिलवाई जा चुकी है, बाकी 14 मामलों में से 6 पुलिस के स्तर पर, 5 जिलाधिकारी के स्तर पर और तीन मामले शासन में लंबित हैं। गोरखपुर में 11 में से 4 मामलों में अनुग्रह राशि परिवारों को मिल गई हैं। लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में एक भी आश्रित परिवार को अब तक अनुग्रह राशि नहीं मिल पाई है। वहीं, डीजीपी मुख्यालय में दो पुलिसकर्मियों की मौत कोरोना से हुई है, इनमें से एक को भी अब तक अनुग्रह राशि नहीं मिल पाई है।