Wednesday, April 23, 2025
Homeन्यूज़न्यूज़अब केन्द्र राज्यों को नहीं देगा रेमडेसिविर इंजेक्शन, सीधे कंपनी से करनी...

अब केन्द्र राज्यों को नहीं देगा रेमडेसिविर इंजेक्शन, सीधे कंपनी से करनी होगी खरीदारी


नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हर तरफ रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी देखी गई। यूपी सहित कई राज्यों में इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हुई। इसके अलावा कई शहरों में पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी जब्त किए। कम प्रोडक्शन होने के चलते ये इंजेक्शन केंद्र सरकार की तरफ से दी जा रही थी। लेकिन सरकार ने ऐलान किया है कि अब राज्य सरकार खुद अपनी जरूरत के हिसाब से ये इंजेक्शन खरीद सकते हैं।

केन्द्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को ऐलान किया कि सरकार ने राज्यों को रेमडेसिविर के केंद्रीय आवंटन को बंद करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग एजेंसी और सीडीएससीओ को देश में रेमडेसिविर की उपलब्धता पर लगातार नजर रखने का निर्देश दिया गया है।

अब ज्यादा हो रहा है प्रोडक्शन

सरकार के मुताबिक अब देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने के प्लांट 20 से बढ़कर 60 हो गए हैं। साथ ही सरकार ने कहा है कि अब डिमांड से ज्यादा सप्लाई है। मंडाविया ने सोशल मीडिया पर ऐलान करते हुए लिखा, ‘मुझे आप सभी को ये बताते हुए खुशी और संतुष्टि हो रही है कि रेमडेसिविर का उत्पादन दस गुना बढ़ गया है। पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में 11 अप्रैल 2021 को हर रोज़ 33,000 इंजेक्शन की वायल बन रही थी। लेकिन अब हर रोज़ ये बढ़ कर साढ़े 3 लाख पहुंच गया है।’

कोरोना के इलाज में इस्तेमाल

बता दें कि अमेरिका की कंपनी गिलिएड साइंसेस के पास रेमडेसिविर का पेटेंट है। उसने चार भारतीय कंपनियों से इसे बनाने का एग्रीमेंट किया, वो कंपनियां हैं-सिप्ला, हेटेरो लैब्स, जुबलिएंट लाइफसाइंसेस और मिलान। ये चारों कंपनियां बड़े पैमाने पर उसे बनाती हैं और दुनिया के तकरीबन 126 देशों को इसका निर्यात करती हैं। ये मंहगी दवा है, जिसकी कीमत भारतीय बाजार में करीब 4800 रुपये है लेकिन कालाबाजार में ये कहीं ज्यादा ऊंची कीमत में बेचा जा रही थी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments