मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय के प्रबंधन संकाय के छात्रों को ‘परिस्थतियों में
सफलता‘ प्राप्त करने के गुर बताते हुए जकुआर गु्रप एचआर हैड नरेन्द्र आर्य ने कहा कि
सफल होने के कई रास्ते हैं। निर्भर यह करता है कि आप किस रास्ते को चुनते हैं।
इसमें यह बात भी मायने रखती है कि वह रास्ता आपके लिए कितना उपयुक्त है, लेकिन
सफल लोगों में एक बात समान होती है, वह कुछ खास आदतें विकसित कर लेते हैं,
जिन्हें हर रोज दोहराते हैं। फिर परिस्थितियां कुछ भी हों। यही आदतें सफलता के
दरवाजे खोल देती हैं।
प्रबंधन संकाय के छात्रों के लिए ‘परिस्थतियों में सफलता‘ विशय पर अतिथि व्याख्यान का
आयोजन किया गया। जकुआर गु्रप एचआर हैड एवं कॉर्पोरेट एडवाइजरी बोर्ड जीएलए
के सदस्य नरेन्द्र आर्य ने छात्रों को प्रबंधन के गुर बताते हुए कहा कि जीवन बहुत
आसान नहीं है। यह जीवन संघर्षों से भरा हुआ है। इन संघर्षों से जूझने और इन पर
सफलता पाने के लिए रणनीति तय करने की जरूरत है। आज के समय किताबी ज्ञान
से अधिक प्रैक्टिकल ज्ञान की जरूरत है। छात्रों को मैनेजमेंट के बारे में जानकारी लेने
की जरूरत है। इसके लिए सफल लोगों के बारे में अधिक से अधिक पढ़ना होगा।
उन्होंने बताया कि जकुआर कंपनी ने किस तरह इस महामारी के दौरान अपने 10 हजार
से अधिक कर्मचारियों को ट्रेंड किया और गु्रप को बढ़ाने में मदद मिली। अंत में उन्होंने
विश्वविद्यालय की उच्च षिक्षा पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि जीएलए में प्रैक्टिकल
ज्ञान के लिए बहुत संसाधन मौजूद हैं। इन्हीं संसाधनों के माध्यम से सफलता हासिल
करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। रोजगार की कमी नहीं है। कमी है तो सिर्फ अपने
लक्ष्य को साधकर उसे हासिल करने की।
इससे पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विकास त्रिपाठी एवं टेज्निंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग सीनियर
मैनेजर कॉर्पोरेट रिलेशन मुकुट बल्लभ दुबे ने कहा कि ज्ञान और कौशल ऐसे हथियार हैं
जो रोजगार हासिल करने के साथ कॅरियर के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करते
हैं। इसलिए अपने ज्ञान को लगातार बढ़ाते रहना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में अतिथि
और छात्रों को धन्यवाद दिया। इस मौके पर विभाग के असिस्टेंट प्रो. सैयद मौ0 मुनीब
मौजूद रहे।