Saturday, November 23, 2024
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लॉकडाउन ने छीनी मजदूरी, 2 महीने भूख से लड़ते-लड़ते जानिए क्या हुआ मां और उसके 5 बच्चों का हाल


अलीगढ़। जिस देश में तमाम भंडारे होते हैं, और सरकार द्वारा मुफ्त में राशन वितरण करने के दावे किए जाते हैं, उस देश में लोग भूख से तड़प रहे हैं और बीमार पड़ गए। अलीगढ़ में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला और उसके 5 बच्चे दो महीने से खाने के लिए तरस गए। आस पड़ोस में से अगर किसी ने परिवार के छह सदस्यों के बीच 4-6 रोटियां दे दीं तो उन्हीं को खाकर पानी पीकर गुजारा कर लिया। नौबत यहां तक आ गई कि पिछले दस दिनों से परिवार के सदस्यों ने रोटी नहीं खाई। पूरे परिवार के सदस्यों की भूखे रहने के कारण तबीयत खराब हो गई।


प्राप्त जानकारी के मुताबिक अलीगढ़ के थाना सासनी गेट इलाके के आगरा रोड स्थित मंदिर नगला में करीब 40 वर्षीय गुड्डी नाम की महिला अपने पांच बच्चों 20 वर्षीय अजय, 15 वर्षीय विजय, 13 वर्षीय बेटी अनुराधा, 10 वर्षीय टीटू व सबसे छोटा बेटा 5 वर्षीय सुंदरम के साथ रहती है। गुड्डी के मुताबिक उसके पति विनोद की बीते वर्ष 2020 में कोविड लॉकडाउन से दो दिन पूर्व ही गंभीर बीमारी के चलते मृत्यु हो गई। जिसके बाद परिवार का पेट पालने के लिए गुड्डी ने एक फैक्ट्री में 4 हजार रुपये महीने पर काम करना शुरू कर दिया। लेकिन लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री कुछ समय बाद घाटे के चलते पूरी तरह बंद हो गई। उसके बाद गुड्डी को कहीं काम नहीं मिल सका। घर में रखा राशन भी धीरे-धीरे खत्म हो गया और नौबत लोगों द्वारा दिये गए खाने के पैकेट पर निर्भर होने पर आ गई। फिर गुड्डी के बड़े बेटे अजय ने पिछले लॉकडाउन खुलने के बाद मजदूरी शुरू कर दी। जिस दिन काम मिल जाता था तो उसी दिन घर का राशन पानी ले आता था।


पिछले दस दिनों से परिवार को नसीब नहीं हुई रोटी

इस बीच भर पेट खाना न मिलने के कारण 13 वर्ष की बेटी अनुराधा की तबीयत खराब रहने लगी। धीरे-धीरे परिवार के सभी सदस्य बीमारी की चपेट में आने शुरू हो गए। देखते ही देखते कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी और फिर से लॉकडाउन हो गया। जिसके चलते अजय को जो थोड़ा बहुत मजदूरी मिल जाती थी वह भी बिल्कुल बंद हो गई। गुड्डी व अजय का कहना है कि पिछले 2 महीने से भरपेट खाना नसीब नहीं हो सका है, क्योंकि परिवार के सभी सदस्यों को बुखार व अन्य बीमारियों ने घेर लिया। जिसके चलते घर से निकलना बंद हो गया। आस पड़ोस के लोग जो भी दे देते उसी से काम चला लिया करते थे। बाकी पानी पीकर सो जाया करते. नौबत यहां तक आ गई कि पिछले 10 दिनों से रोटी नहीं खाई। गुड्डी के मुताबिक इसकी जानकारी उसकी बड़ी बेटी जिसकी शादी हो चुकी है, उसको हुई तो उसके पति ने पूरे परिवार को मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि बेटी दामाद की भी माली हालात ठीक नहीं है।


तीन की हालत गंभीर

मलखान सिंह जिला अस्पताल की इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. अमित को जानकारी हुई कि पिछले काफी वक्त से भूखा एक महिला व उसके 5 बच्चे वार्ड नम्बर 8 में भर्ती कराए गए हैं, तो उन्होंने वहां विजिट करके सभी का हाल चाल जाना और इलाज शुरु करा दिया है। परिवार को भी आश्वस्त किया है कि कोई भी जरूरत हो उनसे संपर्क कर लें। वहीं डॉक्टर अमित ने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों की हालत ठीक नहीं है, जिनमें से अनुराधा समेत 3 बच्चों की हालत क्रिटिकल कंडीशन में है, हालांकि जल्दी ही उन्हें रिकवर कर लिया जाएगा।

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