नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। एसोसिएशन की शीर्ष परिषद ने एक दिन पहले ही अजहरुद्दीन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें लिखा था कि जब तक उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़ी जांच पूरी नहीं हो जाती, वो तब तक निलंबित रहेंगे। इसके साथ ही उनकी सदस्यता भी रद्द हो गई है। नोटिस में उन पर मनमाने फैसले लेने, हितों के टकराव से जुड़ी जानकारी न देने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
नोटिस में कहा गया है कि आपके खिलाफ सदस्यों की शिकायतों पर विचार करने के बाद इस महीने की 10 तारीख को शीर्ष परिषद की बैठक में कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया कि आपने नियमों का उल्लंघन किया है। शीर्ष परिषद आपको निलंबित कर रही है और शिकायतों की जांच पूरी होने तक एचसीए की आपकी सदस्यता भी खत्म की जा रही है। अजहरुद्दीन को 27 सितंबर 2019 को एचसीए का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद से ही वो लगातार विवादों में रहे हैं।
नोटिस में ये भी कहा गया है कि अजहर ने एसोसिएशन को यह खुलासा नहीं किया कि वह दुबई के एक निजी क्रिकेट क्लब के सदस्य हैं, जो कथित तौर पर एक टूर्नामेंट में भाग लेता है, जिसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा मान्यता हासिल नहीं है।
मैच फिक्सिंग का आरोप
साल 2000 में अजहर का नाम मैच फिक्सिंग में सामने आया उनपर लाइफ टाइम के लिए बैन लगा था, हालांकि साल 2012 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने उन पर लगे आजीवन प्रतिबंध को खारिज कर दिया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। अजहर का क्रिकेट करियर इससे काफी पहले खत्म हो चुका था।
मोहम्मद अजहर ने क्रिकेट के अलावा राजनीति में भी हाथ आजमाया। साल 2009 में उन्होंने कांग्रेस जॉइन की और मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। वर्ष 2014 का चुनाव वो हार तो गए। 2018 में उन्हें तेलंगाना कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।