लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और तराई के जिलों में बाढ़ का खतरा मण्डरा रहा है। सभी जिलों में सिंचाई विभाग ने अलर्ट घोषित कर दिया है। विभागीय अफसरों को दिन-रात तटबंधों का निरीक्षण करने के आदेश दे दिये गये हैं। गंगा और यमुना नदी को छोड़कर इन इलाकों से बहने वाली ज्यादातर नदियों में पानी या तो खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है या फिर थोड़ा ही नीचे है। उत्तराखण्ड और नेपाल के साथ इन इलाकों में भी हो रही घनघोर बारिश के कारण ये हालात पैदा हुए हैं। हालांकि सिंचाई विभाग ने उम्मीद लगायी है कि यदि और ज्यादा बारिश नहीं हुई तो हालात काबू में रहेंगे। नदियों के जलस्तर में कमी आनी शुरू हो गयी है।
सिंचाई विभाग में बाढ़ नियंत्रण के इंजीनियर इन चीफ अशोक सिंह ने बताया कि शारदा, घाघरा, राप्ती, गण्डक और रोहिणी में जलस्तर बढ़ रहा है। जो भी नदियां उत्तराखण्ड या नेपाल से बहते हुए यूपी में दाखिल होती हैं उन सभी में जलस्तर बढ़ा हुआ है। हालांकि अच्छी बात ये है कि कहीं भी तटबंध में टूट नहीं हुई है। कहीं ज्यादा जलभराव भी देखने को नहीं मिला है। सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। विभागीय अफसर लगातार तटबंधों का निरीक्षण कर रहे हैं।
समय से पहले ही तराई और पूर्वांचल के जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ा
इस साल न सिर्फ मॉनसून जल्दी आ गया बल्कि इससे पहले आये दो तूफानों की वजह से भी समय से काफी पहले बारिश शुरू हो गयी। पहले ताउते और बाद में यास तूफान की वजह से प्रदेश में खासकर पूर्वी यूपी में अच्छी बरसात समय से पहले हो गयी। इन तूफानों के असर खत्म होते-होते मॉनसून का असर शुरू हो गया। ऐसे में इस साल समय से पहले ही तराई और पूर्वांचल के जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।